वाराणसीःकाशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक वर्षीय पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट कोर्स की छात्रा नेहा सिंह ने दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है. नेहा पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने उपनिषदों पर कार्य किया और चित्रों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया.
चार महीने में तैयार हुआ दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम
नेहा सिंह ने बताया कि दशोपनिषद पेंटिंग पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया. इसका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. नेहा ने बताया कि कलाकार अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करते हैं. लेकिन किसी ने वेदों और उपनिषदों पर ध्यान नहीं दिया. वैदिक विज्ञान की छात्रा होने की वजह से लगातार इन विषयों पर गुरुजनों के आशीर्वाद और सहयोग से कार्य किया. उपनिषदों और वेदों के अंदर जो ज्ञान है, उसे लेकर मुझे जिज्ञासा जगी. इसके बाद सोचा कि उपनिषद और वेद बहुत ही प्राचीन हैं और यह लोगों तक पहुंचना चाहिए. इसके बाद दसों उपनिषद की पेटिंग पर काम शुरू किया. लगभग चार महीने में दशोपनिषद डिजिटल प्रिंट एलबम बनाकर तैयार किया.
19 फरवरी हुआ था एलबम का विमोचन
नेहा ने बताया कि 19 फरवरी 2020 को कई विद्वानों ने महामना की बगिया में दशोपनिषद का डिजिटल प्रिंट एलबम का विमोचन किया था. वैदिक विज्ञान केंद्र में कई विद्वानों ने एलबम को सराहा था. इस मौके पर विद्वानों ने कहा कि ये दुनिया का पहला ऐसा एलबम होगा, जिसे विश्व रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए. इसके बाद मैंने एलबम का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया था. एलबम में चित्रों के साथ हर एक उपनिषद का संक्षिप्त विवरण भी हिंदी और अंग्रेजी में दिया हुआ है.
एलबम की खासियत
12x18 इंच के 20 पन्नों के इस डिजिटल एलबम में मुख्य 10 उपनिषदों का एक-एक पेंटिंग है. इसके साथ ही उपनिषद के बारे में संक्षिप्त लेख भी हैं. इस एलबम की आखिरी पेज में वेदों में वर्णित महावाक्य का भी एक पेंटिंग है.