वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर छात्र धरने पर बैठ गए हैं. छात्रों ने फर्जी मुकदमा लिखे जाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस दौरान छात्र पुलिस और प्रॉक्टर गो बैक के नारे भी लगा रहे है. बता दें कि छात्रों का ये विरोध विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर हो रहा है, जहां दर्जनों की संख्या में छात्र मौजूद हैं. छात्रों का कहना है कि बीते दिनों विश्वविद्यालय में हुई मारपीट की घटना में फर्जी मुकदमा लिखा गया है. जबकि घटना के दिन छात्र प्रयागराज में था. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर मनमाना पन करने का आरोप लगाया है. वहीं, पुलिस मामले की जांच कर रही है.
इस दौरान छात्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि, 'मैं प्रयागराज में यूजीसी नेट की परीक्षा देने गया था. विश्वविद्यालय में इस दौरान दो गुटों में मारपीट हो गई और मारपीट में मेरा भी नाम दिया गया है. जबकि मैं मौके पर मौजूद भी नहीं था. मेरे पास सारे एविडेंस है कि मैं प्रयागराज में था. टिकट से लेकर के फोटो मौजूद है. लेकिन उसके बाद भी विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन मनमाना पन कर रहा है.
बीएचयू में छात्रों का धरना छात्र ने कहा कि जब इस बारे में मैंने विश्वविद्यालय प्रशासन से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हमसे से कोई मतलब नहीं है. थाने में जाकर आप लोग मामला समझे. जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन के जरिए ही लेटर को फॉरवर्ड थाने में किया जाता है. जिसके बाद तहरीर या मुकदमा लिखा जाता है. लेकिन सिरे से विश्वविद्यालय प्रशासन मनमाना पन कर रहा है. ऊपर से यह मुकदमा भी एक तरफा लिखा गया है. जबकि मुकदमा दोनों तरफ से लिखा जाना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. जिस पक्ष को पहले मारा गया उसकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हैं कि मेरे ऊपर जो फर्जी मुकदमा लिखा गया. उसे वापस लिया जाए. इसके साथ ही जिस पक्ष ने सबसे पहले तहरीर दी उस पर कार्रवाई की जाए और दोषियों को सजा मिले.
गौरतलब है कि बीते शनिवार को विश्वविद्यालय में बिरला चौराहे के पास दो गुटों में मारपीट हो गई थी. इस दौरान हल्की पत्थरबाजी भी हुई थी, जिसमें 2 छात्र घायल भी हुए थे. इस दौरान सूचना पर पहुंची पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने मामले को शांत कराने के साथ ही छात्रों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया था.
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