वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण से देश धीरे-धीरे उभर रहा है. ऐसे में फर्स्ट वेब और सेकंड वेब के बाद अब कोविड थर्ड वेब (third wave of covid 19) आने की संभावना है. इसके मद्देनजर सरकार और स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुटा है. वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (banaras hindu university) के सर सुंदरलाल अस्पताल (sir sunderlal hospital) जिसे पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है, यहां कोरोना थर्ड वेब को लेकर किस तरह की तैयारियां की गई हैं, आइए जानते हैं-
'सेकंड वेब में संक्रमण तेजी से बढ़ा'
बीएचयू में सर सुंदरलाल अस्पताल के एमएच प्रोफेसर केके गुप्ता ने बताया कि हम कोविड के फर्स्ट वेब, सेकंड वेब और अब तीसरे वेब में हैं. सेकंड वेब में बहुत ही तेजी से मरीजों की तादाद बढ़ी थी, जो बहुत तेजी से नीचे भी आई. फर्स्ट और सेकंड वेब में यह सबसे बड़ा अंतर था. उन्होंने बताया कि सेकंड वेब में युवा वर्ग सबसे ज्यादा संक्रमण की चपेट में आए. प्रोफेसर केके गुप्ता ने बताया कि बीएचयू में सुपर स्पेशलिटी सेंटर (super speciality centre) कोविड-19 संक्रमण का L-3 हॉस्पिटल था. जितना हो सका हमने तैयारियां पहले से कर रखी थी, जिससे लोगों की सेवा की गई.
ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों का होगा इलाज
प्रोफेसर गुप्ता ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी सेंटर में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों के लिए पहले 50 बेड का वार्ड बनाया गया. जब मरीज बढ़ने लगे तो बेडों की संख्या बढ़ाकर 150 की गई. यहां मरीजों का इलाज सुचारू रूप से चल रहा है. उन्होंने बताया कि सुपर स्पेशलिटी सेंटर में ओटी की सुविधा भी अलग से है. उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या के हिसाब से 'अम्फोटेरिसिन बी' (Amphotericin B) इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में विकल्प के तौर पर 'पोसाकोनाज़ोल' (Posaconazole) इंजेक्शन मरीजों को दी जा रही है. ये इंजेक्शन सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
सुपर स्पेशलिटीसेंटर में 184 मरीज हैं भर्ती
प्रो. गुप्ता ने बताया कि सरकार जिस हिसाब से इंजेक्शन दे रही है, हम उतने ही मरीज को लगा पा रहे हैं. इस इंजेक्शन को बहुत ही सावधानी पूर्ण दिया जाता है. उन्होंने बताया कि लोगों को सोशल मीडिया से यह पता चल गया कि अम्फोटेरिसिन बी ही ब्लैक फंगस की एक दवा है, जबकि लिटरेचर के माध्यम से ब्लैक फंगस के लिए और भी दवाएं हैं, जिसे हम दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुपर स्पेशलिटी सेंटर में फिलहाल 184 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से तकरीबन 12 मरीज को ठीक कर दिया गया है.