वाराणसी :मनचलों की ओर से छात्रा से छेड़खानी और अश्लील वीडियो बनाने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बीते 4 दिनों से माहौल खराब है. पढ़ाई लगभग ठप सी हो गई है. सिंह द्वार स्टूडेंट्स के कब्जे में है. बुधवार को हुई घटना के बाद से छात्र-छात्राएं आंदोलनरत हैं. उनकी मांग आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही बीएचयू परिसर की सुरक्षा बढ़ाए जाने की है. वाराणसी जिला प्रशासन और बीएचयू प्रशासन ने कई फैसले किए हैं. अब बीएचयू में बाहरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की तैयारी है.
लगातार आवाज उठा रहे स्टूडेंट :छात्रों की मांग है अस्पताल से आगे कोई भी बिना कारण परिसर में न आए. आए दिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में अलग-अलग मौकों पर हो रही छेड़खानी अब बड़ा मुद्दा बन चुकी है. चार दिन पहले छात्रा के साथ हुई घटना ने पूरे देश में विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल खड़ा दिया है. छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने भी मोर्चा खोल दिया है. छात्र कैंपस में बाउंड्रीवाल बनाए जाने को लेकर दो हिस्सों में बंट गए हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के कैंपस की सुरक्षा को लेकर वे लगातार मांग कर रहे हैं.
रात 10 से सुबह पांच बजे तक पाबंदी : जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन को सुरक्षा के लिए कई फैसले लेने पड़े हैं. इसमें सबसे जरूरी मुद्दा है बाहरियों का प्रवेश. अभी तक विश्वविद्यालय मे बिना किसी रोक-टोक के कोई भी कैंपस के किसी भी गेट से परिसर में आ-जा सकता था. इसके लिए कोई समय सीमा नहीं निर्धारित थी. मगर अब जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि रात 10 से सुबह 5 बजे कर कोई भी बाहरी व्यक्ति कैंपस में इंट्री नहीं ले सकता है. इसके साथ ही इस समय के बीच जो भी आएगा उसे अपनी पहचान और जरूरी वजह बतानी होगी. इसके बाद ही वह कैंपस में जा सकेगा.
प्रशासन के फैसले से सहमत नहीं स्टूडेंट, रखी ये मांग : फैसले के बाद भी छात्र इससे पूरी तरह सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि कैंपस में हर समय बाहरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए. इसके लिए नियम बने. बाहरियों के लिए छात्रों ने मांग रखी है कि रात के 10 बजे के बाद बाहरी लोगों का प्रवेश सीमित किया जाए. बीएचयू परिसर के सर सुंदर लाल अस्पताल से आगे बिना जरूरी कारण के कोई भी बाहरी व्यक्ति न जाने पाए. इसके साथ ही परिसर में सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए. इसके साथ ही कैंपस में लाइटिंग की पूरी व्यवस्था में सुधार किया जाए. नियमों को कड़ा बनाने के साथ ही IIT-BHU को बीएचयू के प्रशासनिक नियंत्रण में लाया जाए, जिससे कि सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जा सके.