वाराणसी : वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज यानी, सोमवार को कैंपस स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में एमटीएस वर्कर (बीएचयू में संविदा कर्मचारी) और छात्रों में किसी बात को लेकर जमकर मारपीट हो गई. यहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ.
बीएचयू का मुख्य द्वार बंद
इस मारपीट व बवाल के बाद विरोध में एमटीएस वर्करों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया. उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनकी मांग है कि जब तक आरोपी छात्रों पर कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक यह प्रदर्शन चलता रहेगा. एमटीएस वर्करों ने चीफ प्रॉक्टर ऑफिस पर भी जमकर हंगामा किया. वहीं जब उनकी बात नहीं सुनी गई, उसके बाद कर्मियों ने बीएचयू का मुख्य द्वार बंद कर दिया. इस बात को लेकर एमटीएस कर्मियों ने चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में लिखित शिकायत भी किया है.
दूसरी तरफ घटना की सूचना मिलते ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर पीएसी के साथ कई थानों की फोर्स पहुंच गई. मामले की जानकारी के बाद कमिश्नरेट अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने एमटीएस वर्कर को समझाने का प्रयास किया. हालांकि उसके बाद भी एमटीएस वर्करों ने गेट बंदकर अपना प्रदर्शन जारी रखा.
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लगाए गंभीर आरोप
राकेश पांडेय ने बताया कि मैं अपने परिजन को गैस्ट्रो विभाग में दिखाने गया था. उसी समय वहां मौजूद छात्रों ने हमारे परिजनों के साथ बदसलूकी की. इसका विरोध करने पर उन लोगों ने हमारे साथ मारपीट किया. फिर कुछ छात्र पिस्टल सटाकर हमारी चैन लूट ले गए. जिला प्रशासन से यही मांग है. जल्द से जल्द उनके खिलाफ कार्रवाई हो उन्हें गिरफ्तार किया जाए. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
उधर चीफ प्रॉक्टर ऑफिस पर बैठे छात्रों का कहना है कि आए दिन कर्मचारियों की वजह से ओपीडी में पर्चा लगाने को लेकर भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.