वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के महामना हॉल, सेमिनार कॉम्प्लेक्स में बीएचयू साथी (सॉफिस्टिकेटेड एनालिटिकल एंड टेक्निकल हेल्प इंस्टीट्यूट) इंडस्ट्री संगोष्ठी का आयोजन किया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उद्योग के साथ-साथ शिक्षक जगत में शोधकर्ताओं को विश्लेषणात्मक जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से एक आधुनिक विश्लेषणात्मक तकनीकी सहायता संस्थान (साथी) स्थापित करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को 125 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया गया. कैंपस के सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर भवन मेरूम रूम को स्थापित किया गया. पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन कर सकते हैं.
बीएचयू को मिला 125 करोड़ का अनुदान - वाराणसी न्यूज
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के महामना हॉल, सेमिनार कॉम्प्लेक्स में बीएचयू साथी (SATHI) इंडस्ट्री संगोष्ठी का आयोजन किया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उद्योग के साथ-साथ शिक्षक जगत में शोधकर्ताओं को विश्लेषणात्मक जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से एक आधुनिक विश्लेषणात्मक तकनीकी सहायता संस्थान (साथी) स्थापित करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को 125 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया गया.
साथी कार्यक्रम के तहत बीएचयू साथी इंडस्ट्री मिलन कार्यक्रम की शुरुआत बीएचयू कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर, प्रोफेसर अनिल के त्रिपाठी, समन्वयक साथी बीएचयू. राजेश भाटिया लघु उद्योग संघ वाराणसी के अध्यक्ष द्वारा महामना मालवीय जी को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया. बीएचयू के सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर (सीडीसी) भवन में उपलब्ध अत्याधुनिक हाई एंड इंस्ट्रूमेंट पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रख्यात वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों ने प्रस्तुति दिया. इस संगोष्ठी में लगभग 50 ऑनलाइन और 80 ऑफलाइन प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. बैठक के दौरान उनके विचारों और चिंताओं पर घंटों चर्चा की गई.
कुलपति बीएचयू प्रोफेसर राकेश भटनागर ने कहा कि विश्वविद्यालय और उद्योग यदि मिलकर काम करें तो भारत बहुत जल्द विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शुमार हो जाएगा. इससे शैक्षणिक संस्थाओं में शोध अनुसंधान और उद्योग को बेहतर आउटपुट प्राप्त होगा. समागम के दौरान बताया कि पूर्वांचल का पहला क्लीन रूम बीएचयू में तैयार किया गया है. यह पूरी तरह से इन्फेक्शन मुक्त होगा. इसमें चिकित्सा फार्माक्यूटिकल कार्य, सेमी कंडक्टर और अनेक हाईटेक कार्य किए जा सकेंगे.