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बीएचयू कार्यकारी परिषद के शैक्षिक सत्र प्रस्ताव को मिली मंजूरी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में सेशनल परीक्षा को असाइनमेंट आधारित बनाए जाने को मंजूरी दे दी है. अब मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों को उच्चतर सेमेस्टर में प्रोमोट किया जाएगा. मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों के लिए सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षा नहीं आयोजित होगी.

बीएचयू कार्यकारी परिषद के शैक्षणिक सत्र प्रस्ताव को मिली मंजूरी.
बीएचयू कार्यकारी परिषद के शैक्षणिक सत्र प्रस्ताव को मिली मंजूरी.

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Published : Aug 6, 2020, 5:31 PM IST

वाराणसी :काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में सेशनल परीक्षा को असाइनमेंट आधारित बनाए जाने को मंजूरी दे दी है. अब मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों को उच्चतर सेमेस्टर में प्रोमोट किया जाएगा. मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों के लिए सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षा नहीं आयोजित होगी.

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से छात्र परीक्षा की तिथि को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे. ऐसे में बीएचयू के कुलपति राकेश भटनागर ने सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों को शांत रहने की अपील की थी. उसके बाद विश्वविद्यालय ने नई गाइडलाइन जारी की है.

ऐसा होगा प्रोन्नति का प्रारूप.
बीएचयू के कार्यकारी परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 के मध्यवर्ती अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के लिए सेशन परीक्षा को असाइनमेंट आधारित बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत शिक्षक ईमेल, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से छात्र-छात्राओं को असाइनमेंट भेज सकते हैं. इसे 15 दिन की अवधि में पूरा किया जाना होगा.

मार्च 2020 में विश्व विद्यालय बंद होने से पहले जो सिलेबस संपन्न करा दिए गए हैं, या आंशिक रूप से किए गए हैं. उनमें छात्रों को असाइनमेंट आधारित सेशन का भी विकल्प दिया जाएगा. जिस भी माध्यम से उन्हें अधिक अंक अर्जित किए हैं. वही अंक उन्हें अंतिम रूप में दिए जाएंगे.

मध्यवर्ती छात्रों को मिलेगी प्रोन्नति
मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रोन्नति दी जाएगी. इस संबंध में उच्चतर वर्ष में प्रमोशन के लिए 4.0 सीजीपीए प्राप्त करने की अनिवार्यता से छूट दे दी गई है. यूजीसी के निर्देशों के अनुसार मध्यवर्ती सेमेस्टर के छात्रों के लिए सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षा के भारांक का वितरण 50-50 के 4 के रूप में निर्धारित किया जाएगा.

सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षा के अंक पूर्ववर्ती सेमेस्टर में छात्रों के प्रदर्शन पर आधारित होंगे. अगर छात्र इस आधार पर प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं हैं तो आगामी शैक्षणिक सत्र में उपलब्ध ऐसे पाठ्यक्रमों की परीक्षा में उपस्थित होकर अपने ग्रेड में सुधार कर सकता है.

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