वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टरों से हुई मारपीट के बाद हड़ताल हो गई थी. ये हड़ताल पांच दिनों तक चली. मंगलवार को बैठक के बाद डॉक्टरों ने औपचारिक तौर पर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया. इस संबंध में सोमवार देर शाम डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के बीच लंबी बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया कि इस मामले में जो भी छात्र दोषी रहा होगा, उसे सस्पेंड किया जाएगा. इसके साथ ही उनकी 90 फीसदी मांगों को मान लिया गया. डॉक्टर अब ओपीडी और वार्डों में काम पर लौट रहे हैं.
बता दें कि बीते दिनों इमरजेंसी वार्ड में 5 डॉक्टर्स की पिटाई कर दी गई थी. आरोप था कि बीएचयू के ही कुछ छात्रों नें अपने परिजन के इलाज के लिए डॉक्टर्स पर दबाव बनाया था. इसके बाद वहां पर तैनात डॉक्टर्स और आरोपी छात्रों के बीच विवाद हो गया. इस दौरान छात्रों ने डॉक्टर्स की पिटाई कर दी. इससे डॉक्टर घायल हो गए. इनमें दो महिला डॉक्टर भी थीं. इस मामले के बाद डॉक्टर्स में काफी नाराजगी थी. जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी. इसके बाद उन्होंने सीनियर डॉक्टर्स से भी काम पर न जाने की अपील की. ये हड़ताल करीब 5 दिन तक चली.
छात्र परिजनों और दोस्तों का निशुल्क इलाज नहीं करा सकेंगे
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जांच कमेटी की एक बैठक के बाद डॉक्टर अब OPD और वार्डों में लौट रहे हैं. IMS-BHU के जूनियर रेजीडेंट्स की 90 फीसदी मांगें मान ली गई हैं. डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है. वहीं, सोमवार देर रात तक कमेटी ने डॉक्टरों को काफी देर तक मनाने की कोशिशें की. जांच कमेटी ने कहा कि जो भी दोषी छात्र होंगे, उनको विश्वविद्यालय से सस्पेंड किया जाएगा. फैसले में कहा गया है कि OPD और वार्ड में हर मरीज के साथ अधिकतम 2 ही अटेंडेंट आ सकेंगे. BHU के छात्र अगर अपने हेल्थ कार्ड पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों का इलाज कराएंगे तो उन्हें निशुल्क सुविधा नहीं मिल पाएगी.
पुलिस हेल्प डेस्क बनाया जाएगा