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कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियों में जुटा बीएचयू

कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए बीएचयू प्रशासन अलर्ट हो गया है. सर सुंदरलाल चिकित्सालय और बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार हैं. देखिये ये रिपोर्ट...

bhu varanasi
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय.

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Published : May 16, 2021, 1:41 PM IST

वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय और बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान पूरी तरीके से तैयार है. दोनों चिकित्सालय जिला प्रशासन और अन्य अधिकारियों से नई गाइडलाइन तैयार करने के लिए वार्ता कर रहे हैं.

चिकित्सा विज्ञान संस्थान.
पिछले 9 मई को बीएचयू पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर चिकित्सकों से सलाह किया था, जिसके बाद बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान भी सक्रिय हो गया. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डीआर मित्तल ने इस संबंध में प्रस्ताव भी मांगा है, जिसे लेकर सर सुंदरलाल चिकित्सालय प्रशासन के बाल रोग विभाग, बाल गहन चिकित्सा इकाई आदि के अधिकारियों की बैठक हुई है.
सर सुंदरलाल चिकित्सालय.
बढ़ेगी बच्चों के बेड की सुविधा
चिकित्सा विज्ञान संस्थान में तीसरी लहर से निपटने के लिए बाल गहन चिकित्सा इकाई में 50 बेड तैयार किए जाएंगे. विभाग के सभी विभागों की सहमति से सोमवार तक प्रस्ताव फाइनल कर संस्थान को भेजने की तैयारी चल रही है. वैसे तो पूर्वांचल में सबसे अधिक नवजात गहन चिकित्सा इकाई के बेड बीएचयू के पास ही है. फिर भी जिस तरह से बीएचयू में बेड को लेकर दिक्कत हुई, उसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन पहले से ही तैयार है.
अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश
चिकित्सा विज्ञान के निदेशक ने मीटिंग में इस बात को साफ तौर पर कहा कि अस्पताल के अधिकारी पहले ही स्पष्ट कर दें कि उन्हें जिन भी उपकरणों की जरूरत है. बाद में किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी.
बच्चों संग परिजन भी रहेंगे
बीएचयू के शताब्दी सुपर स्पेशलिटी कॉन्प्लेक्स की तीसरी मंजिल पर बच्चों का कोविड-19 हॉस्पिटल होग. इसमें 100 बेड की व्यवस्था होगी, जिसमें 50 बेड आईसीयू का होगा. वेंटिलेटर नेबुलाइजर, मॉनिटर, इन्फ्यूजन पंप, सीरीज पंप आदि मशीनें रहेंगी. उसके साथ ही किडनी पीड़ित कोरोना वायरस के के लिए एक आधुनिक डायलिसिस मशीन भी प्रस्ताव में शामिल किया गया है. सामान्य 50 बेड के वार्ड में बच्चों के साथ ही अभिभावक भी रहेंगे. आईसीयू में भर्ती बच्चे के अभिभावक वार्ड से सटे पारदर्शी कमरे में रहेंगे, जहां से वह अपने बच्चे को देख सकेंगे.


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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डीआर मित्तल ने ईटीवी भारत से ऑनलाइन बातचीत में बताया कि तीसरी लहर आने से पहले पूरी तरह से तैयार होना है. इसके लिए अस्पताल के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बच्चों के इलाज की सुविधाएं बढ़ाने का प्रस्ताव मांगा गया है. गाइडलाइन भी बनाई गई है, जिससे भर्ती बच्चे के साथ उनके परिजन रह सकेंगे.

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