वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. छात्र-छात्राओं का आरोप है कि बीएचयू प्रशासन उन्हें नोटिस देकर डराना चाहता है. इसके लिए बाकायदा उनके घर नोटिस भेजा गया है. लगभग 10 छात्रों को नोटिस भेजा गया, जिसमें छात्रा आयुषी भूषण भी शामिल हैं, जो जेएनयू में हुए लाठीचार्ज के विरोध में हुए मार्च में उस दिन शामिल भी नहीं थीं.
वाराणसी: भगत सिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप - उत्तर प्रदेश समाचार
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बीएचयू प्रशासन ने जेएनयू में हुए लाठीचार्ज के विरोध में छात्रों को नोटिस जारी किया है. छात्रों का कहना है कि जो मार्च में शामिल नहीं थे, उन्हें भी नोटिस दिया गया है.
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बीएचयू प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप.
बीएचयू प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप.
पढ़ें पूरा मामला
- 19 नवंबर को जेएनयू में लाठीचार्ज हुआ था.
- भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने लाठीचार्ज के विरोध में और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध मार्च निकाला था.
- उस मार्च के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने छात्रों के साथ मारपीट की थी.
- 2 महीने बाद छात्रों को नोटिस दिया गया है.
- नोटिस में उन्हें गुमराह छात्र बताया गया है.
- नोटिस में कहा गया है कि आप दोबारा इस तरह करेंगे तो आप के खिलाफ कार्रवाई होगी.
- आयुषी भूषण जो कि उस दिन इस आंदोलन में शामिल नहीं थीं, उनको भी नोटिस दिया गया है.
- कुछ लोगों को टारगेट करके ऐसा किया जा रहा है.