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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ ले रहे मुस्लिम, एक साल में 8 गुना बढ़ी निकाह की संख्या

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) का लाभ अल्पसंख्यक समुदाय अधिक ले रहा है. निकाह की संख्या एक साल में 8 गुना बढ़ गयी (Muslims getting benefitted in Varanasi) है.

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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ Chief Minister Mass Marriage Scheme Muslims getting benefitted in Varanasi

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Published : Jun 20, 2023, 8:02 AM IST

वाराणसी: वाराणसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) में योगी सरकार 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले लगभग तीन गुना जोड़ो की शादियां (Muslims getting benefitted in Varanasi) करवाई है. इसमें अल्पसंख्यक जोड़ों की तादाद लगभग 8 गुना बढ़ी है. योगी सरकार सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए गरीब परिवारों के विवाह की जिम्मेदारी उठा रही है.


वाराणसी के जिला समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति ने बताया कि सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत गरीब परिवारों का रुझान बढ़ रहा है. वित्तीय वर्ष 2021 -22 महज 535 जोड़ो ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भाग लिया था, जबकि वित्तीय 2022 -23 में 1794 जोड़ो ने शादी की है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अल्प संख्यक समुदाय भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा है.


वर्ष 2021 -22 में 18 वर्ष 2022 -23 में अल्पसंख्यक समुदाय के 154 जोड़ों का निकाह हुआ है. सरकार प्रत्येक जोड़ो को आर्थिक मदद भी करती है. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 257.70 लाख रूपये और वित्तीय 2022 -23 में 895.85 रुपये व्यय किये है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक है.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना सेवाराणसी में मुस्लिम लाभान्वित हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है. इस सामूहिक विवाह के आयोजन में विवाह करने वाले प्रत्येक जोड़े पर 51000 रुपये खर्च किए जाते हैं. इसमें 35,000 कन्या के बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं और 10,000 की विवाह संस्कार सामग्री वर-वधू को विवाह के समय उपलब्ध करवाई जाती है. 6000 अन्य व्यवस्थाओं में खर्च होते हैं. उत्तर प्रदेश द्वारा इस योजना के अंतर्गत केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को शामिल किया गया है.

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