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बनारस में अब मोबाइल वैन से बच्चों के हाथ पहुंचेगी किताब, यह है नई स्कीम - बेसिक शिक्षा विभाग की पहल

वाराणसी में बेसिक शिक्षा विभाग और रूम-टू-रीड इंडिया ट्रस्ट की तरफ से रीडिंग कैंपेन 2022 की शुरुआत की गई है. इसके जरिए मोबाइल वैन से बच्चों में कहानी सुनाने, किताब पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके अलावा तमाम गतिविधियां कराई जाएंगी.

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Published : Sep 13, 2022, 2:05 PM IST

वाराणसी: 'पढ़ना जहां, समानता वहां' इस थीम के साथ वाराणसी में बेसिक शिक्षा विभाग और रूम-टू-रीड इंडिया ट्रस्ट की तरफ से रीडिंग कैंपेन 2022 की शुरुआत की गई है. इसके तहत मोबाइल लाइब्रेरी वैन का भी शुभारंभ किया गया है. मोबाइल वैन से बच्चों में कहानी सुनाने, किताब पढ़ने की आदत डालने के साथ चित्रकला और क्राफ्ट जैसी गतिविधियां भी कराई जाएंगी.

दरअसल, इस कैंपेन और मोबाइल वैन लाइब्रेरी की शुरुआत का उद्देश्य परिषदीय स्कूलों के साथ विभिन्न समुदायों के बच्चों में पढ़ने की आदत डालना है. यह मोबाइल वैन लाइब्रेरी विभिन्न विकास खंडों और नगर क्षेत्रों में जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
लाइब्रेरी वैन से बढ़ रही पढ़ने-लिखने में रुचि:कंपोजिट विद्यालय कबीर चौरा की छात्रा श्यामली शर्मा ने बताया कि मोबाइल लाइब्रेरी वैन बहुत ही फायदेमंद है. इससे हममें पढ़ने-लिखने में रुचि बढ़ती है. अच्छा भी लगता है. इसके माध्यम से प्रस्तुत की जा रही बहुत सारी अलग-अलग कहानियों से हमें अलग शिक्षा मिलती है, जैसे लालच बुरी बला, हमें किसी की नकल नहीं करनी चाहिए. हर कहानी में कोई न कोई ज्ञानवर्धक बातें छिपी रहती हैं. आज के बच्चों के दादी-नानी की कहानियों से जोड़ा जा रहा है.
बच्चों में पढ़ाई में रुचि जगाने वाली पुस्तकें
कंपोजिट विद्यालय कबीर चौरा की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका मधु सिंह ने बताया कि मोबाइल लाइब्रेरी बच्चों के भविष्य को काफी अधिक प्रभावित कर सकता है. इसका जो वास्तविक उद्देश्य वो बच्चे, उनके माता-पिता को समझ में आ जाता है तो यह सबसे अच्छा रहेगा. वर्तमान में परिवारों के विघटन के बीच दादी और नानी का जो अस्तित्व बच्चों के बीच में कमजोर हुआ है. इस कड़ी में यह बहुत बेहतर है.
मोबाइल वैन में मौजूद पुस्तकें
इसका उद्देश्य पढ़ना-लिखना और सीखने को रुचिकर बनाना है: प्रधानाध्यापिका मधु सिंह बताया कि पढ़ना-लिखना और सीखने को रुचिकर बनाना इसका उद्देश्य है. सुबह जब वैन आई तो बच्चों ने यहां पुस्तकों का आनंद उठाया. बच्चों ने खुद ही कहानी गढ़ने का प्रयास किया और चित्रकला भी बच्चों ने बनाई. इसके माध्यम से हमने बताना चाहा कि पढ़ना जहां है, समानता वहां है.
दादी-नानी की कहानियों वाली पुस्तकें

किताबें हर बच्चे और हर हाथ तक पहुंचें:रूम-टू-रीड इंडिया ट्रस्ट के बृजेश ने बताया कि किताबें बच्चों तक पहुंचें, बच्चों के हाथों में जाएं. इसके साथ ही साथ कई तरह की गतिविधियों में शामिल हों. पसंदीदा मुद्दों पर चित्र बनाने की गतिविधि भी इसमें शामिल है. इस बार की जो थीम है रीडिंग कैंपेन की वो है 'पढ़ना जहा, समानता वहां.' मोबाइल लाइब्रेरी गांव व नगर क्षेत्र में जा रही है.

छात्र-छात्राओं से गतिविधियां कराते हुए शिक्षक

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