वाराणसी:ज्ञान की देवी माता सरस्वती जिनकी आराधना छात्रों से लेकर कलाकारों और हर उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य मानी जाती है, जो लेखनी या कला से जुड़ा है. मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए साल में एक बार वसंत पंचमी का विशेष दिन महत्वपूर्ण माना जाता है. तिथि के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी 16 फरवरी को पड़ रही है.
बसंत पंचमी: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मान्यताएं
मंगलवार यानि 16 फरवरी को देश भर में बसंत पचंमी का त्योहार मानाया जा रहा है. कहते हैं इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती जी प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन सरस्वती जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
इस समय करें पूजा
बसंत पंचमी को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि बसंत पंचमी का पर्व इस बार 16 फरवरी को पड़ रहा है, लेकिन पंचमी तिथि 15 फरवरी की रात्रि 3:36 से प्रारंभ हो जाएगी. 16 फरवरी को पूरा दिन पंचमी तिथि का मान होगा, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पंचमी तिथि की पूजा सुबह सूर्य उदय से लेकर 9:00 बजे तक करना ही श्रेयस्कर माना जाता है. क्योंकि यह मूर्ति सबसे उत्तम मोड़ तो होता है पूजा पाठ के लिए सरस्वती मां की आराधना करने के लिए इस वक्त की गई पूजा विशेष फलदाई होती है.
मान्यता है कि बसंत पंचमी पर शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है. इस दिन ज्ञान अर्जन के लिए माता की आराधना करनी चाहिए. मां को पुष्प, रोली, अक्षत अर्पित करने के बाद हाथ जोड़कर उनका ध्यान करना चाहिए. मां की आरती करने के साथ पुस्तकों की भी आरती उतारनी चाहिए. कमजोर छात्रों को माता सरस्वती की पूजा करने के बाद हवन भी करना चाहिए. ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं.