वाराणसी: कोविड-19 की दूसरी लहर ने बहुत सी चीजों पर प्रभाव डाला, लेकिन जिनके हौसले मजबूत हैं, उन्होंने इस मुसीबत की घड़ी में भी कई कीर्तिमान स्थापित कर डालें. ऐसा ही कारनामा बनारस रेल इंजन कारखाने ने कर दिखाया है. पहले डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप के नाम से पहचान रखने वाले इस रेल इंजन कारखाने में अब विद्युत रेल इंजन का निर्माण हो रहा है. इस साल कोविड-19 दूसरी लहर में जब बड़े-बड़े कल कारखाने ठप हो गए थे. तब महज 26 दिनों के कार्य दिवस में बनारस रेल इंजन कारखाने ने 33 विद्युत रेल इंजन का निर्माण किया है जो अपने आप में कीर्तिमान हैं.
मोजाम्बिक भी गया है इंजन
बरेका की महाप्रबंधक अंजली गोयल के नेतृत्व में बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कड़ी मेहनत एवं लगन से जून माह में मोजाम्बिक निर्यात हेतु 01 केप गेज रेल इंजन, जिसे दिनांक 19 जून को मोजाम्बिक को निर्यात किया जा चुका है. इस प्रकार जून माह में कुल 33 रेल इंजनों का निर्माण किया गया. जिसमें WAG9HC के 25 विद्युत रेल इंजन, WAP7 के 07 विद्युत रेल इंजन हैं.