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बनारस में गंगा का रौद्र रूप, 84 घाटों का संपर्क टूटने से पर्यटक और स्थानीय लोग मायूस - केंद्रीय जल आयोग

वाराणसी में लगातार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा रहा है. 84 घाटों की लंबी शृंखला का संपर्क पूरी तरह से टूट चुकी हैं. जिसकी वजह बनारस पहुंच रहे पर्यटक मायूस हैं.

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गंगा के इस रौद्र रूप की वजह वाराणसी में घाटों पर नौकायन पर प्रतिबंध और घाटों पर एनडीआरएफ तैनात

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Published : Aug 18, 2022, 9:10 PM IST

वाराणसी: मोक्षदायिनी पतित पावनी मां गंगा जो लोगों को अपनी गोद में लेकर पुण्य की डुबकी लगाने का मौका देती हैं. लेकिन इन दिनों मां गंगा का रौद्र रूप हर तरफ लोगों की चिंता बढ़ा रही है. गंगा किनारे रहने वाले लोग भी गंगा के इस रौद्र रूप की वजह से डरे हुए हैं. क्योंकि सावन के महीने में गंगा तेजी से ऊपर आई और उतनी ही तेजी से उसका जलस्तर नीचे खिसक गया था. जिसकी वजह से नौकायन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस वजह से आने वाले पर्यटकों मायूस नजर आ रहे हैं.

वाराणसी में लगातार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद यहां आए पर्यटकों से जाने क्या कारण है..


84 घाटों का संपर्क टूटाः दरअसल गंगा का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है और सहायक नदी वरुणा भी अब रिहायशी इलाकों में घुसने के लिए बेताब दिखाई दे रही है. इन सब के बीच गंगा तेजी से घाटों की सीढ़ियों से ऊपर होते हुए घाट किनारे बसे सभी मंदिरों और अन्य चीजों को अपने चपेट में लेकर सड़क की तरफ बढ़ रही है. जिसकी वजह से घाट पूरी तरह से पानी में समा चुके हैं. 84 घाटों की लंबी श्रृंखला जो एक दूसरे से कनेक्ट थी, वह पूरी तरह से टूट चुकी है. एक घर से दूसरे घर जाना अब संभव ही नहीं रह गया है. इसका सबसे बड़ा असर वाराणसी में आने वाले पर्यटकों पर पड़ा है.

नौकायान पर रोकःपर्यटक काशी में आकर गंगा घाटों पर घूमते हुए चहलकदमी कर बनारस को जानने की कोशिश करते हैं. वे गंगा घाटों के इतिहास को जानकर बनारस की प्रमाणिकता और उसके महत्व को समझते हैं. इसके अलावा पर्यटक गंगा में नौकायन करते हुए इसका भी आनंद लेते हैं. वे गंगा किनारे बसे इस शहर की खूबसूरती को निहारते हैं. इसके अतिरिक्त शाम को दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती के भव्य स्वरूप को भी पर्यटक अपने कैमरे में कैद कर अपनी यात्रा को यादगार बनाते हैं. लेकिन गंगा का जलस्तर जिस तरह से बढ़ रहा है. वह इन सब कार्यों को रोक देने वाला साबित हुआ है. गंगा आरती भी सिर्फ सांकेतिक रूप से एक अर्चक के द्वारा पूर्ण की जा रही है. वहीं, गंगा के घाटों का संपर्क टूटने से एक घाट से दूसरे घाट पर पर्यटक जा भी नहीं पा रहे हैं. जलस्तर में तेजी की वजह से नौकायान पर लगी रोक की वजह से पर्यटक बोटिंग का आनंद भी नहीं ले पा रहे हैं.


8 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तरः केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर वाराणसी में लगभग 8 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. जो काफी तेज माना जा रहा है. लगातार पहाड़ों पर हो रही बारिश के अलावा राजस्थान में भी हो रही बारिश से चंबल और बेतवा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि का असर भी गंगा के जलस्तर में वृद्धि के रूप में देखने को मिल रहा है. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो वाराणसी में गुरुवार की सुबह तक गंगा का जलस्तर 67.58 मीटर रिकॉर्ड मापा गया था. जो गंगा में जलस्तर के वार्निंग लेवल 70.26 मीटर से महज 2.68 मीटर ही नीचे है. जबकि डेंजर लेवल 71.26 यानी लगभग 3.68 मीटर नीचे है.

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गंगा स्नान पर रोकः गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी की वजह से जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट पर है. गंगा में तेज बहाव और रौद्र रूप को देखते हुए नौकायन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने गंगा में निगरानी के लिए एनडीआरएफ और पीएसी की जल पुलिस की टुकड़ी को एक्टिव कर दिया है. एनडीआरएफ के 24 से ज्यादा टीमें गंगा और वरुणा के तटीय इलाकों पर निगरानी कर रही है. लोगों को लगातार अनाउंसमेंट के जरिए गंगा घाट पर पानी में ना जाने की हिदायत दी जा रही है. मुख्य घाटों को छोड़कर बाकी अन्य घाट पर गंगा स्नान भी करने से रोका जा रहा है.

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