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बजरंग दल ने लगाए पोस्टर, काशी के गंगा घाट पिकनिक स्पॉट नहीं..गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित - वाराणसी लेटेस्ट न्यूज

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के गंगा घाटों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने वाले पोस्टर लगाए हैं. इसमें लिखा है कि गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है, यह पिकनिक स्पॉट नहीं हमारे आस्था का प्रतीक है.

बजरंग दल ने लगाए पोस्टर, गंगा घाटों पर गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित

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Published : Jan 6, 2022, 9:32 PM IST

Updated : Jan 6, 2022, 10:55 PM IST

वाराणसी: बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को गंगा घाटों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने वाले पोस्टर लगा दिए. पोस्टरों में गैर हिंदुओं का प्रवेश गंगा घाटों पर वर्जित बताया गया है. इसमें साफ लिखा है कि यह पिकनिक स्पॉट नहीं हमारे आस्था का प्रतीक है. यह पोस्टर जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन पोस्टरों को अस्सी घाट से लेकर तुलसी घाट, पंचगंगा घाट, केदार घाट, गाय घाट और हरिश्चंद्र घाट पर लगाया गया है.

पोस्टर में लिखा है कि गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है. मां गंगा व काशी घाट मंदिर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है. जिनकी आस्था सनातन धर्म में है, उनका स्वागत है. लेकिन यह क्षेत्र पिकनिक स्पॉट नहीं है. यह निवेदन नहीं चेतावनी है.


मामले में बजरंग दल के संयोजक निखिल त्रिपाठी का कहना है कि गंगा घाटों पिकनिक स्पॉट समझने वाले लोगों के लिए यह पोस्टर लगाए गए हैं. उनके लिए साफ चेतावनी है कि मां गंगा हमारे सनातन धर्म व आस्था का प्रतीक हैं. पोस्टर के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि गंगा घाटों को पिकनिक स्पॉट न समझें. यहां से दूर रहें, यह घूमने-फिरने की जगह नहीं है. साथ ही कहा कि सनातन धर्म में जिनकी आस्था है वो आएं, उनका स्वागत है. सनातन धर्म में जिनकी आस्था नहीं है बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद उनको खदेड़ने का काम करेंगे.

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बता दें कि धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में प्रसिद्ध गंगा घाटों की अर्धचंद्राकार आकृति को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं. यही वो घाट हैं जहां पर बिस्मिल्ला खां रियाज किया करते थे और अपने शहनाई की आवाज को जगजाहिर किया. इसके साथ ही एक तरफ मंदिर में बजने वाले घंटा तो दूसरी तरफ मस्जिद की अजान इन घाटों में मौजूद लोगों के एक साथ सुनाई देती है. इन घाटों को एकता का प्रतीक भी माना जाता है.

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Last Updated : Jan 6, 2022, 10:55 PM IST

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