वाराणसी: सनतान धर्म को मानने वालों के लिए इस साल की महाशिवरात्रि कुछ खास होने वाली है. उनके आराध्य भगवान श्रीकाशी विश्वनाथ का विवाह इस साल स्वर्णमंडित मंडप में होगा. नव्य भव्य और दिव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के समय 60 किलो सोने से इसे पूरी तरह से स्वर्णमंडित किया गया था. अब बाबा विश्वनाथ और मां गौरा के साथ नवनिर्मित धाम के स्वर्णीम आभा में 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, जहां रात भर उत्सव का माहौल होगा. वहीं, महाशिवरात्रि से पहले आज श्री काशी विश्वनाथ धाम के परिसर में संगीत संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत संगीत प्रेमियों में शिव भजन का लुफ्त उठाया.
न आमंत्रण, न निमंत्रण फिर भी दुनियाभर के शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के विवाह उत्सव महाशिरात्रि के दिन काशी में बाराती बनने के लिए लालायित रहते हैं. बाबा विश्वनाथ के विवाह का महापर्व इस साल बेहद खास होगा, क्योंकि वर्ष 1835 में महाराजा रणजीत सिंह के गुंबज को स्वर्णमंडित कराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को धरताल पर उतारते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने विस्तार दिया. 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया. इसी दौरान बाबा को गुप्तदान में 60 किलो सोना मिला जिससे गर्भगृह और बाहरी दीवार को स्वर्ण मंडित किया गया है. अब इस स्वर्ण मंडित गर्भगृह में पहली बार भक्त बाबा का विवाह उत्सव मनाएंगे.