वाराणसी: सावन का त्योहार 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके पहले गुरु पूर्णिमा के मौके पर बाबा विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार किया गया. बाबा विश्वनाथ के सप्त ऋषि आरती दर्शन के दौरान भोलेनाथ की चल रजत प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया गया और पालकी पर लेकर पुजारी भोलेनाथ की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे, जहां पर विशेष आरती और पूजन संपन्न हुआ.
दरअसल, सावन का पर्व शुरू होने के साथ ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर में उत्सव का माहौल दिखने लगा है. गुरु पूर्णिमा का पर्व काशी के लिए विशेष तौर पर श्रद्धा और आस्था का पर्व माना जाता है. यहां के मठ मंदिरों में पूरे दिन गुरु पूर्णिमा के मौके पर पूजन-पाठ संपन्न हुआ और शाम होते-होते तक बाबा विश्वनाथ के मंदिर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. मंदिर की तरफ से बताया गया कि विश्वनाथ मंदिर में शाम को सप्त ऋषि आरती के दौरान भगवान विश्वनाथ की प्रतिमा पालकी पर लेकर मंदिर तक पहुंचाई गई और यहां से भोलेनाथ की इस अद्भुत प्रतिमा को मुख्य शिवलिंग के ऊपर स्थापित करके सप्त ऋषि आरती पूर्ण की गई और इसके बाद भोलेनाथ का दर्शन और शयन आरती संपन्न हुई.