उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बसंत पंचमी पर चढ़ाया गया बाबा विश्वनाथ का तिलक, ठंडाई और पंचमेवा का लगा भोग

इस रस्म अदायगी के बाद शिवरात्रि के मौके पर बाबा के विवाह की रस्म पूरी होगी और होली से पहले रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ माता गौरा और बाल गणेश की चल रजत प्रतिमा रजत सिंहासन पर सवार होकर भक्तों के कंधे से सीधे विश्वनाथ मंदिर ले जाई जाएगी.

बाबा विश्वनाथ की पंच बदन रजत प्रतिमा

By

Published : Feb 11, 2019, 4:15 AM IST

वाराणसी: देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी अपने सबसे बड़े पर्व महाशिवरात्रि का इंतजार कर रही है. यहां के लोग इस खास दिन पर पूरी तरह से बाबा की भक्ति में रमे नजर आते हैं. इससे पहले बसंत पंचमी के दिन बाबा विश्वनाथ के विवाह रस्म की शुरुआत हो चुकी है.

परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन दक्ष प्रजापति भगवान शंकर को तिलक चढ़ाने के लिए पहुंचे थे और आज भी बाबा विश्वनाथ की नगरी में इस परंपरा का निर्वहन कई सौ सालों से होता आ रहा है. इस परंपरा का निर्वहन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने महंत परिवार में होता है, जहां बाबा विश्वनाथ की रजत पंच बदन प्रतिमा को इस परंपरा के लिए भक्तों के दर्शनार्थ खोला जाता है. बसंत पंचमी यानी रविवार को बाबा विश्वनाथ का तिलकोत्सव संपन्न हुआ और गीत संगीत के बीच लोगों ने बाबा की इस अद्भुत छवि के दर्शन किए.

देखिए बाबा विश्वनाथ की पंच बदन रजत प्रतिमा

बाबा विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने महंत परिवार में बसंत पंचमी के दिन वैदिक ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के बीच बाबा विश्वनाथ की पंच बदन रजत प्रतिमा का विधि विधान से पूजन कर पंचगव्य पंच द्रव्य दूध, गंगाजल से स्नान करवाने के बाद इनको रजत सिंहासन पर विराजमान कराया गया. बाबा का विशेष श्रृंगार भी संपन्न हुआ. परंपरा अनुसार, शाम लगभग 5:00 बजे बाबा की प्रतिमा को तिलक चढ़ाया गया.

इसके बाद बाबा को ठंडाई, पंचमेवा और मिष्ठान का भोग लगाकर महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बाबा विश्वनाथ की इस चल रजत प्रतिमा की भव्य आरती संपन्न करवाई. अब इस रस्म अदायगी के बाद शिवरात्रि के मौके पर बाबा के विवाह की रस्म पूरी होगी और होली से पहले रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ माता गौरा और बाल गणेश की चल रजत प्रतिमा रजत सिंहासन पर सवार होकर भक्तों के कंधे से सीधे विश्वनाथ मंदिर ले जाई जाएगी.

इस खास मौके पर महंत आवास पर रविवार को तिलक उत्सव के बाद संजीव रत्न मिश्र व गीतकार कन्हैया दुबे केडी के संयोजन में भजन संध्या का आयोजन किया गया. इसमें पारंपरिक गीतों के जरिए बाबा के तिलकोत्सव की मधुर बेला पर सभी ने अपने तरीके से बाबा दरबार में अपनी हाजिरी दर्ज कराई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details