वाराणसी: जिले में अघोर आचार्य बाबा कीनाराम का आश्रम है. मान्यता यह भी है कि बाबा किनाराम को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है. बाबा का जन्म विक्रम संवत 1658 के भद्र मास की अघोर चतुर्दशी कृष्ण पक्ष में हुआ था. 29 अगस्त को बाबा की 420वीं जयंती रामगढ़ में मनाया गया, जिसके मुख्य अतिथि सीएम योगी थे. रविंद्रपुरी आश्रम में बुधवार को बाबा की छठी मनाई जाएगी.
बुधवार को बाबा कीनाराम की छठी मनाई जाएगी. बाबा कीनाराम की छठी की तैयारी को लेकर आश्रम को पूरी तरह सजाया और रंग रोगन किया गया है. वैसे तो प्रतिदिन बाबा के दर्शन पाने के लिए लोग दूर-दूर से भक्त आते हैं, लेकिन गुरु पूर्णिमा और बाबा के छठी के दिन देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते हैं.
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रवींद्रपुरी कॉलोनी में बाबा किनाराम का आश्रम है, जिसमें आज भी क्रींकुंड, बाबा की अखंड धूनी है. आश्रम परिसर के पश्चिमी छोर पर शमशान की लकड़ियों से अखंड प्रयोग धूनी की साक्षरता अग्नि रुद्र का स्वरूप बताई गई है. जिसकी विभूति का स्पर्श और धारण मुक्ति भुक्ति दोनों की ही पर्याय बताई गई है. इसी आश्रम में महान संत बाबा कीनाराम की समाधि स्थल भी है.
लोलार्क षष्टि के दिन अघोर आचार्य महाराज श्री बाबा कीनाराम जी की छठी महोत्सव का आयोजन किया जाता है. सुबह भोर बाबा की आरती के बाद. प्रातः 8:00 बजे पूजनीय पीठाधीश्वर द्वारा अखंड धूनी और बाबा कीनाराम जी के समाधि का पूजन अर्चन होगा. 9:00 बजे पूज्य पीठाधीश्वर जी का श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजन होगा. दोपहर 12:00 बजे प्रसाद वितरण और रात्रि कालीन 7:30 बजे आरती होगी. देर रात विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
बाबा की छठी पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. पीठाधीश्वर अघोर आचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी द्वारा विभिन्न अनुष्ठान किए जाएंगे. गद्दी का पूजन होगा. उसके बाद महाराज जी के दर्शन के लिए दूर-दूर से आए लोग दर्शन करेंगे. इसके बाद भंडारा और संध्या कालीन भजन का आयोजन किया गया है.
पुजारी, बाबा कीनाराम समाधि स्थल