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कोरोना को हराने के लिए काढ़ा और योग का सहारा, क्या कहते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक

कोरोना महामारी के कहर से आपकी मजबूत इम्यूनिटी आपका बचाव कर सकती है. आजकल काढ़ा, योग और आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन लोग ज्यादा कर रहे हैं. हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक से जानने की कोशिश की कि इस दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों का सेवन करना चाहिए.

वाराणसी.
वाराणसी.

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Published : May 25, 2021, 7:54 PM IST

Updated : May 27, 2021, 1:38 PM IST

वाराणसी : कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बचने के लिए लोग तमाम तरीके अपना रहे हैं. इनमें आयुर्वेद व परंपरागत उपचार शामिल हैं. इन दिनों आम लोग अपनी दिनचर्या में योग और काढ़ा शामिल कर रहे हैं, ताकि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े. इसी का परिणाम है कि इन दिनों बाजारों में फिर से औषधीय मसालों व दवाओं की डिमांड भी बढ़ गई है. आइए जानते हैं कि किस तरीके से वर्तमान दौर में अपने दिनचर्या व खान-पान का ध्यान रखना चाहिए, जिससे इस महामारी से बचा जा सके.

स्पेशल रिपोर्ट.
बढ़ी है औषधीय मसालों की मांग

काशी किराना व्यापार मंडल के महामंत्री मोहनलाल बरनवाल कहते हैं कि इन दिनों लोग काढ़े का सेवन कर रहे हैं. इसके कारण बाजार में काढ़ा बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामानों की मांगों में इजाफा हुआ है. इनमें दालचीनी, सोंठ, तुलसी पत्ती, काली मिर्च, गिलोय, चिरईता, बादाम इत्यादि की मांग ज्यादा है. उन्होंने बताया कि इनकी कीमतों में अभी बहुत इज़ाफ़ा नहीं हुआ है. लेकिन मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

महामारी से सुरक्षित रखने में आयुर्वेद है कारगर

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि आयुर्वेद में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए, बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए तमाम तरीके बताए गए हैं. वर्तमान में कोरोना महामारी से बचने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए सभी लोगों को आयुष काढ़े का सेवन करना चाहिए, जो काफी लाभदायक है. उन्होंने बताया कि इसमें काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ, तुलसी, गिलोय, इत्यादि को शामिल करके काढ़ा बनाना चाहिए और दिन में 2 बार इसका सेवन करना चाहिए. उन्होंने बताया कि काढ़े को हमेशा अल्पाहार के बाद लेना चाहिए, जिससे लोगों को बीमारी से लड़ने में शक्ति मिलेगी.

रस औषधियां भी हैं कारगर

डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि इस महामारी में आयुष काढ़ा ही नहीं बल्कि विभिन्न रस औषधियां भी कारगर हैं, जिनमें स्वर्ण भस्म का योग स्वर्ण, मालिनी वसंत, अभ्रक भस्म, प्रवाल भस्म के योग, त्रैलोक्य चिंतामणि रस, जय मंगल रस, त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस, इत्यादि शामिल हैं. ये सारे रस श्वास, बुखार, कफ को दूर करने के साथ ही पाचन क्रिया को बढ़ाते हैं.

'संतुलित आहार व दिनचर्या का भी रखें ख्याल'

डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस महामारी से बचने के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का होना बेहद जरूरी है. इसके लिए सभी को संतुलित आहार और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही खाने में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में लेनी चाहिए. व्यक्ति को हमेशा गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए. साथ ही पानी युक्त पेय पदार्थ जैसे - ग्रीन टी, नींबू पानी तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी का काढ़ा, नीम, गिलोय का काढ़ा अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. साथ ही सुबह खाली पेट तुलसी या करी के तीन चार पत्ते धोकर चबाना चाहिए. खाने में भरपूर मात्रा में हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए. इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति स्वस्थ और सकारात्मक रहता है.

'मानसिक तौर पर भी स्वस्थ होना है जरूरी'

व्यक्ति को शरीर के साथ-साथ मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है. क्योंकि यदि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ रहेगा, तभी उसका शरीर भी स्वस्थ रहेगा. इसके लिए योग, प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए. इससे तनाव दूर रहेगा.

सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार से रहें सावधान

इस महामारी से बचने के लिए इन दिनों सोशल मीडिया पर तमाम उपचार बताए जा रहे हैं. उन्हें अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से बचें. किसी चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद ही सोशल मीडिया पर बताए जाने वाले उपाय को लागू करें. क्योंकि जरूरी नहीं है कि वह उपाय लोगों के लिए लाभदायक हो. कई बार ये उनकी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा देता है, जिससे उनके सामने एक नई दिक्कत उत्पन्न हो जाती है.

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Last Updated : May 27, 2021, 1:38 PM IST

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