वाराणसी: जनवरी 2024 में अयोध्या में होने वाले रामलाल स्थापना समारोह को लेकर काशी में बड़ी रणनीति तैयार हो रही है. दो दिन के संघ विचार परिवार के आयोजन के तहत आयोजन को सफल बनाने के लिए बड़ा मंथन हुआ है, जिसमें चंपत राय के अलावा कहीं अन्य लोगों ने हिस्सा लिया है. संघ विचार परिवार की संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल कोयराजपुर में हुई बैठक में 22 जनवरी को अयोध्या में संपन्न होने वाले ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संबंध में विस्तृत कार्य योजना की घोषणा की गई.
चार अलग-अलग सत्रों में पूरे दिन भर चली बैठक में विचार परिवार के 35 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने का आह्वान किया गया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री एवम् विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने पूरे 45 दिन तक चलने वाले महाअभियान की चरण बद्ध ढंग से विस्तृत जानकारी दी.
योजना के अनुसार चार नवंबर को 200 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे. पांच को वहां से अक्षत भरे पीतल के कलश लेकर आमंत्रित करने के लिए गांव-गांव उसे पहुंचाएंगे. यह अक्षत न्यास की ओर से आमंत्रण का प्रतीक होगा. पांच नवंबर से दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कार्यकर्ता देशभर के सभी मंदिरों में अक्षत पहुंचाएंगे. एक से 15 जनवरी 2024 तक पूजित अक्षत लेकर कार्यकर्ता हर गांव मोहल्ले एवं बस्तियों में संपर्क कर सभी को अयोध्या पहुंचने का औपचारिक निमंत्रण देंगे.
प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को कार्यकर्ता अपने-अपने गांव मोहल्ले के मंदिरों में इकट्ठे होंगे. वहां भजन कीर्तन के कार्यक्रम चलेंगे तथा सायं काल अपने दरवाजे पर दीप जलाएंगे. पांच करोड़ घरों में इस दिन दीपक जलाए जाएंगे. 22 जनवरी को अयोध्या में केवल देश भर के कश्मीर से कन्याकुमारी तक के 140 संप्रदायों के साधु संत, प्रधानमंत्री जी पूज्य सरसंघचालक जी तथाइस आंदोलन में प्राण गवाने वालों के परिजन और विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां अर्जित करने वाले समाज के विशिष्ट नागरिक उपस्थित होंगे.
आठ हजार लोगों की सीमित क्षमता होने के कारण कार्यकर्ताओं से 22 जनवरी को अयोध्या न आकर अपने अपने क्षेत्र में कार्यक्रमों में जुटने का निर्देश दिया गया है. कार्यकर्ताओं को अलग-अलग तिथियों में उनके प्रांत के अनुसार अयोध्या पहुंचने का चंपत राय ने निमंत्रण दिया है. अयोध्या पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं के रुकने तथा भोजन आदि की समुचित व्यवस्था का भी उन्होंने भरोसा दिलाया है. 25000 कार्यकर्ताओं के प्रतिदिन अयोध्या में रुकने एवं खाने की व्यवस्था की जा रही है.