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टूरिस्ट के लिए हेल्पलाइन है यह ज्योतिष, संस्कृत के बल पर ले डाला 8 भाषाओं का ज्ञान

वाराणसी के ज्योतिष राजीव मोहन शर्मा लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए उनके ग्रह नक्षत्रों और कुंडली को देखने का काम करते हैं. संस्कृत भाषा के दम पर 8 भाषाओं पर पकड़ बना चुके रावीव मोहन शर्मा काशी आने वाले गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए बड़ी मदद का जरिया हैं. यहां तक कि कई बार पुलिस को भी जब गैर हिंदी भाषी लोगों का सामना करना पड़ता है तो वह राजीव की मदद लेते हैं.

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Published : Jun 10, 2021, 10:15 PM IST

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टूरिस्ट के लिए हेल्पलाइन है यह ज्योतिष

वाराणसी: शहर बनारस यहां का मिजाज और अंदाज अजब है. क्योंकि यहां की मस्ती, यहां का अल्हड़पन बिल्कुल बाबा भोलेनाथ की तरह सादा जीवन उच्च विचार वाले हैं. काशी में आने के बाद अच्छे-अच्छे यहां की इस सादगी में घुल मिल जाते हैं. यहां के लोगों की दूसरों की बिना किसी लालच के मदद करने की आदत उनको और भी अनोखा बनाती है.

ऐसे ही एक व्यक्ति काशी के अति व्यस्त और महत्वपूर्ण इलाके विश्वनाथ गली में रहते हैं. पेशे से तो यह ज्योतिष हैं, दूसरों के ग्रह नक्षत्र देखकर उनका आने वाला कल बताते हैं, लेकिन गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए यह ज्योतिष किसी हेल्पलाइन से कम नहीं है, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के जानकार होने के बाद इन्होंने संस्कृत भाषा के बल पर एक दो नहीं बल्कि 8 भाषाओं की जानकारी हासिल की है.

टूरिस्ट के लिए हेल्पलाइन है यह ज्योतिष

यह सुनकर आपको थोड़ा आश्चर्य तो हो रहा होगा, लेकिन कुछ ऐसे ही हैं काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव मोहन शर्मा. जिनको सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि कन्नड़, मलयालम, तेलुगू, तमिल, अंग्रेजी, भोजपुरी, राजस्थानी और पंजाबी भाषा अच्छे से आती है. यही वजह है कि राजीव काशी में गैर हिंदी भाषी लोगों की चलती फिरती हेल्पलाइन है.

संस्कृत को बनाया आधार

दरअसल, राजीव लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए उनके ग्रह नक्षत्रों और कुंडली को देखने का काम करते हैं. ज्योतिष के साथ ही ग्रह नक्षत्रों के रत्न और अन्य पूजा-पाठ की सामग्री का कार्य करने वाले राजीव बताते हैं कि उनकी नानी और माता जी के साथ उनकी बॉन्डिंग बड़ी जबरदस्त थी. माता जी और नानी की वजह से उन्होंने संस्कृत का ज्ञान लेना शुरू किया और बचपन में काफी कम अवस्था से ही वह संस्कृत भाषा की ओर आकर्षित होने लगे.

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वेद- वेदांग और संस्कृत भाषा की जानकारी के साथ ही संस्कृत के 14 सूत्रों को अपनी जिंदगी का सार बना लिया. इन सूत्रों के बल पर उन्होंने संस्कृत के शब्दों और उसके उच्चारण के तरीकों को समझना शुरू किया. इसके साथ अन्य शब्द किस तरह से कंठ से या फिर जीह्वा से निकल रहे हैं उसको समझते हुए राजीव ने मनोविज्ञान की पढ़ाई भी शुरू कर दी.

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हमेशा मदद को तैयार

मनोविज्ञान की पढ़ाई करने के साथ ही उन्होंने भाषाओं पर नियंत्रण किया. बिना किसी अन्य भाषा की संस्थागत पढ़ाई के उन्होंने 8 भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया. राजीव बताते हैं कि वह काशी आने वाले सैलानियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. इसलिए तो उन्होंने अलग-अलग भाषा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर रखे हैं. गूगल से लेकर अन्य सोशल मीडिया साइट पर राजीव कि इस हेल्पलाइन नंबर की लिस्ट भी लोगों तक आसानी से उपलब्ध हो जाती है.

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गाइड भी लेते हैं मदद

काशी आने वाले गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए राजीव काशी में बड़ी मदद का जरिया हैं. यहां तक कि कई बार पुलिस को भी जब गैर हिंदी भाषी लोगों का सामना करना पड़ता है तो वह राजीव की मदद लेते हैं. राजीव भी पुलिस की मदद करने से पीछे नहीं हटते. राजीव का कहना है कि काशी आने वाले गैर हिंदी भाषी लोगों को यदि कोई भी परेशानी हो तो वह मुझसे संपर्क कर सकते हैं. मेरे हेल्पलाइन नंबर मौजूद हैं.

इसके लिए राजीव कोई फीस भी नहीं लेते. सबसे बड़ी बात यह है कि राजीव की मदद लेने के लिए बनारस के कई गाइड भी लोगों को इनके पास भेजते हैं. फिलहाल राजीव ज्योतिष व संस्कृत भाषा के बल पर 8 भाषाओं का ज्ञाता बन चुके है. काशी में रहकर गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए चलती फिरती हेल्पलाइन के रूप में काम भी कर रहे हैं.

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