वाराणसी:दीपावली का त्योहार रोशनी का त्योहार कहा जाता है. इस दिन जहां एक ओर दीए जलाकर चारों ओर रोशनी फैलाए जाती है तो वहीं दूसरी ओर पटाखे जलाकर आतिशबाजी की जाती है और ये पटाखे रोशनी तो फैलाते है. साथ ही प्रदूषण की समस्या को बढ़ाते हैं. यह प्रदूषण की समस्या पर्यावरण को प्रदूषित करने के साथ श्वास रोगियों के लिए भी एक बड़ी मुसीबत बन जाती है. चूंकि कोरोना काल ने पहले ही श्वास रोगियों के लिए समस्याएं उत्पन्न कर दी थी ऐसे में पटाखे के धुंए उनके लिए बेहद जहरीले हैं. किस तरीके से पटाखे के धुएं से बचा जा सके. इसके क्या नुकसान हैं और क्या कुछ उपाय हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने हृदय रोग विशेषज्ञ से बातचीत की.
पटाखों के धुएं से रहें सावधान, वरना होगा बड़ा नुकसान
सर सुंदरलाल चिकित्सालय, बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. धर्मेन्द्र जैन ने कहा कि शासन ने दीपावली पर भले ही अपने जिले में हरित पटाखे से आतिशबाजी करने की अनुमति दे दी है, लेकिन वायु की गुणवत्ता को देखते हुए मास्क जरूर लगाइए. इससे जहां कोविड-19 के संक्रमण से बचे रहेंगे. वहीं सांस संबंधी रोग से भी परेशान नहीं होंगे. उन्होंने बताया कि दशहरा के बाद से ही हवा में नरमी आ जाती है और हवा गर्मी की तुलना में अधिक प्रदूषित होने लगती है. ऐसे में मास्क ट्रिपल सुरक्षा देता है. मास्क आपको धूल, धुआं और कोविड संक्रमण से बचाता है. साथ ही अगर आप कोरोना की पहली या दूसरी लहर में कोविड पॉजिटिव रह चुके हैं तो इस दिवाली पर सावधान रहें. प्रदूषित हवा आपको नुकसान पहुंचा सकती है.
क्या करें
• मास्क लगाकर ही बाहर निकलें
• आवश्यक हो तभी बाहर निकलें
• इनहेलर साथ लेकर बाहर निकलें
• बंद कमरे में ज्यादा देर नहीं रहें
• प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग अभ्यास करें
• खाने में मसाले का उपयोग कम करें
• समस्या होने पर स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें
इन लक्षणों पर लें परामर्श-