वाराणसी:इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आई.आर.ए.डी) वाराणसी में आए दिन हो रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नई कवायद शुरू की है. भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एन.आई. सी. के साथ मिलकर एकीकृत सड़क सुरक्षा डाटा बेस तैयार करने के लिए ऐप विकसित किया है.
दी जा रही ट्रेनिंग
इंटीग्रेट रोड एक्सीडेंट डेटाबेस आई रेड ऐप पर जिले में होने वाली दुर्घटनाओं का विवरण दर्ज किया जा रहा है. इस ऐप के लिए परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारियों सहायक पुलिस आयुक्त यातायात कॉमिसनेरेट वाराणसी और जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रसन्न पांडे के निर्देश में एनआईसी के रोल आउट प्रबंधक चन्द्रकांत तिवारी द्वारा समस्त थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक को पूर्व में प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
ऐसे काम करेगा एप्प
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, वाराणसी के सभी परियोजना कार्यान्वयन इकाई को आज शनिवार एन.एच.ए.आई. स्थित कार्यालय मे चन्द्रकांत तिवारी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचने वाले पुलिसकर्मी को ऐप पर हादसे से जुड़ी जानकारी जैसे हादसे की तारीख समय दुर्घटना स्थल संबंधित वाहन दुर्घटना का संभावित कारण आदि भरना होगा. उसके बाद पुलिस स्टेशन एडमिन द्वारा स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग/लोक निर्माण विभाग को रिक्वेस्ट किया जायेगा. संबंधित विभाग अब इसमें अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे. इस ऐप में संबंधित विभागों का पूर्व में उपलब्ध डाटाबेस और वाहन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, CCTNS, स्वास्थ्य, राजमार्ग डेटाबेस को इंटीग्रेटेड किया गया है, ताकि संबंधित उपलब्ध का उपयोग करके प्रभावी रूप से दुर्घटना का समुचित विवरण दर्ज हो सके. उसके आधार पर निवारण के लिए प्रभावी कार्रवाई की जा सके.
आई रेड ऐप के जरिए पुलिस ने जुटाया हादसों का आंकड़ा
वाराणसी में 15 फरवरी 2021 से अब तक हुई सभी सड़क दुर्घटनाओं को शत प्रतिशत फीड किया जा चुका है. जनपद वाराणसी में 15 फरवरी 2021 से अब तक कुल 929 दुर्घटनाएं ऐप में फीड हुआ है. दुर्घटनाओं में कुल 455 की मृत्यु और 633 घायलों की संख्या है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के रोड एक्सीडेन्ट एवं डेटाबेस योजना द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और उसका विवरण जुटाने के लिए सड़क दुर्घटना संबंधित सूचनाओं को ऐप में फीड कराना भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे आने वाले समय मे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा और घायलों की जान भी बचाई जा सकेगी. साथ ही रोल आउट प्रबंधक ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से सड़क दुर्घटना और उसमें घायल हुए लोगों का डेटा दर्ज होगा और अगर किसी पीड़ित को किसी भी सरकारी योजना का लाभ मिलना है तो वह भी आसानी से मिल जाएगा. इसके लिए दौड़भाग उसको नहीं करनी पड़ेगी.
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