वाराणसी: कहते हैं जब कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती. शायद यही वजह है कि इसे जिंदगी का फलसफा मानकर बीएचयू आईआईटी के पूर्व छात्र और ऑस्ट्रेलिया में अल्ट्रा मैन का टाइटल हासिल करने वाले अंशुल अग्रवाल ने करीब 800 किलोमीटर का सफर साइकिल से पूरा किया. अंशुल आईआईटी बीएचयू के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली से बनारस पहुंचे हैं.
अंशुल अग्रवाल को है साइकिलिंग का शौक.
1995 बैच के पूर्व छात्र अंशुल दुनिया के 12 अल्ट्रा मैन में शामिल हैं. अंशुल का कहना है कि उनको बचपन से ही साइकिल चलाने का शौक था, जो अब जुनून में बदल गया है. वह पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को अवेयर करने के लिए साइकिल लेकर ही निकलते हैं. बड़ी बात तो यह है कि अंशुल एक एप्लीकेशन कंपनी के मालिक हैं, जो गूगल और आईफोन जैसे बड़ी कंपनियों को एप्लीकेशंस तैयार करके देती है.
आईआईटी बीएचयू अपना 100वां स्थापना दिवस मना रहा है.इस कार्यक्रम में पुरातन छात्र सम्मेलन के तहत ग्लोबल एलुमनाई मीट का भी आयोजन किया गया है, जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पुराने छात्रों ने शिरकत की है. इसी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अंशुल अग्रवाल दिल्ली से साइकिल चला कर अपने संस्थान पहुंचे हैं.
अंशुल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें अल्ट्रामैन का खिताब दिया गया. साल 2018 में हुए आयोजन में अंशुल ने तीन अलग-अलग कैटेगरी में अपना दम दिखाया था. इसमें 10 किलोमीटर तैराकी, 421 किलोमीटर साइकिल और 84 किलोमीटर दौड़ में भाग लेने के बाद उन्हें अल्ट्रामैन का खिताब दिया गया. इस कंपटीशन में अंशुल तीसरे पायदान पर रहे. कराटे में ब्लैक बेल्ट अंशुल को मलेशिया ने भी दो बार आयरन मैन का खिताब दिया है.
अंशुल का कहना है कि जब वह बीएचयू में पढ़ते थे तब वह साइकिल से दो-तीन किलोमीटर ही चलते थे, लेकिन साइकिल से उनको इतना प्यार हुआ कि उन्होंने इसे अपने जिंदगी में शामिल कर लिया. आईआईटी पास करने के बाद जब वह जॉब के लिए गए तब वह अपनी कंपनी तक जाने के लिए भी साइकिल का ही प्रयोग करते थे. खुद का बिजनेस शुरू करने के बाद भी वह साइकिल से चलते हैं. उनका कहना है कि साइकिलिंग में एक एंजॉयमेंट है. आज की भीड़भाड़ और ट्रैफिक वाले दौर में साइकिल एक बेहतर विकल्प है.