वाराणसीः अगर आप वाराणसी एयरपोर्ट से सफर करने वाले हैं तो ध्यान दें. सनातन धर्म के केंद्र मानी जाने वाली वाराणसी के एयरपोर्ट पर हिंदी, अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में भी अनाउंसमेंट हो रहा है. यह भारत का पहला एयरपोर्ट है, जहां संस्कृत में अनाउंसमेंट की शुरुआत की गई है. यात्रा के दौरान कोविड संबंधी सावधानियों और प्रोटोकॉल की जानकारी हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में भी दी जा रही है. यह जानकारी वाराणसी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ट्वीट के जरिये दी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपने ट्वीट में बताया है कि अब भारतीय विमान प्राधिकरण यानी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने वाराणसी विमानतल पर अंग्रेजी और हिंदी के बाद संस्कृत में भी कोविड मानदंडों की घोषणा करने की व्यवस्था की है.
वाराणसी एयरपोर्ट पर संस्कृत में अनाउंसमेंट, देश में पहली बार किया गया प्रयोग
अगर आप फ्लाइट से बनारस जाने वाले हैं या वाराणसी से किसी दूसरे शहर की ओर रवाना होने वाले हैं तो इस खबर पर गौर करें. वाराणसी एयरपोर्ट ( Varanasi Airport) पर जाते ही आपको एहसास हो जाएगा कि आप काशी यानी संस्कृत भाषा के पीठ स्थान में एंट्री कर चुके हैं.
बता दें कि काशी पुरातन समय से ही विश्व में संस्कृत नगरी के रूप में भी जानी जाती है. सनातन धर्म का केंद्र मानी जाने वाली काशी युगों-युगों से आध्यात्म और संस्कृत का केंद्र रही है. सनातन धर्म में किसी व्यवस्था पर विवाद होने पर काशी के विद्वत मंडल का निर्णय आखिरी माना जाता रहा है. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संस्कृत विद्यालय वाराणसी में संचालित हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक वाराणसी में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी सबसे अधिक है. यहां 110 से अधिक संस्कृत स्कूल संचालित किए जा रहे है. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है, जो स्थापना के समय से ही इस भाषा को ज्ञान के माध्यम से समृद्ध कर रहा है. ऐसे में संस्कृत भाषा के माध्यम से एयरपोर्ट पर अनाउंसमेंट की काफी सराहना हो रही है.
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