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अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की कोर्ट से प्रार्थना, ज्ञानवापी केस आठ हफ्ते बाद सुना जाए

जिला जज कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Inazaniya Masjid Committee) ने एक एप्लीकेशन दी है, जिसमें ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी (gyanvapi shringar gauri) केस की सुनवाई की तारीख आठ हफ्ते बाद करने का जिक्र किया गया है.

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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस

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Published : Sep 17, 2022, 7:06 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई 22 सितंबर होनी है लेकिन इसके पहले सुनवाई की तारीख आठ हफ्ते बाद करने की एप्लिकेशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शनिवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दी है. अदालत ने कहा है कि वह मस्जिद कमेटी के एप्लीकेशन पर 22 सितंबर को सुनवाई कर अपना आदेश सुनाएगी.

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने 12 सितंबर को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि श्रृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है. इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख (gyanvapi hearing date) 22 सितंबर तय की थी. मस्जिद कमेटी के एडवोकेट एखलाक अहमद ने बताया कि आगामी 22 सितंबर को श्रृंगार गौरी केस में पक्षकार बनने के लिए जो एप्लीकेशन दी गई हैं, उन पर सुनवाई होनी है. इसके साथ ही जवाबदेही दाखिल होनी है और ईशू फ्रेम होना है. हमारी ओर से आज एक एप्लिकेशन दी गई है.

हमने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि श्रृंगार गौरी केस को जिला जज स्तर के न्यायाधीश सुनेंगे. अगर उनके आदेश से कोई पक्ष असहमत होता है तो वह उसके खिलाफ उच्च अदालत में जा सकता है. इसके लिए उसे 8 हफ्ते का समय दिया जाना चाहिए. इसलिए हमने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए हमें 8 हफ्ते का समय देने पर विचार करें. कोर्ट ने हमारी एप्लीकेशन पर सुनवाई के लिए 22 सितंबर की डेट फिक्स की है.

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श्रृंगार गौरी केस में जिला जज की कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी प्रयागराज हाईकोर्ट में रिवीजन पिटीशन फाइल करेगी. इसके मद्देनजर श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं की ओर से हाईकोर्ट में पहले ही कैविएट पिटीशन दाखिल की जा चुकी है. इसके चलते हाईकोर्ट अब वादिनी महिलाओं का पक्ष सुने बगैर कोई आदेश नहीं सुनाएगी. फिलहाल अब इस एप्लीकेशन के बाद कोर्ट 22 सितंबर को ही इस पर कोई फैसला सुनाएगा.

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