वाराणसी: दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को आदर्श ग्राम नागेपुर के किसान और ग्रामवासी लामबंद दिखाई दिए. इस दौरान लोक समिति के कार्यकर्ता और ग्रामवासियों ने किसानों की मांगों को लेकर पुतले के साथ गांव में रैली निकाली और नंदघर के सामने धरना-प्रदर्शन किया. आक्रोशित किसानों ने किसान विरोधी सरकार का पुतला और नए कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध जताया. उन्होंने कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की साथ ही चेतावनी दी कि यदि कृषि कानून निरस्त नहीं किया गया तो उनका आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा. इस मौके पर किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया तो वह पूरी ताकत से किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा. उन्होंने सरकार से गणतन्त्र दिवस पर लालकिला पर हुए उपद्रव की सीबीआई जांच कर उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही नए कृषि बिल को तत्काल वापस लेने और किसान नेताओं पर से फर्जी मुकदमे को तत्काल वापस लेने की मांग की.
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम में आक्रोशित किसानों ने जलाया सरकार का पुतला
यूपी के वाराणसी में लोक समिति के कार्यकर्ता और ग्रामवासियों ने किसानों की मांगों को लेकर पुतले के साथ गांव में रैली निकाली और नंदघर के सामने धरना-प्रदर्शन किया. आक्रोशित किसानों ने किसान विरोधी सरकार का पुतला और नए कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध जताया.
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं. केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसान नेताओं पर फर्जी कार्रवाई निंदनीय है. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर पहुंचकर साजिश के तहत कुछ उपद्रवियों ने किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि सरकार मामले की बिना जांच किए उल्टे शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसान नेताओं पर ही फर्जी मुकदमे लगाकर किसान आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है, जबकि कड़ाके की ठंड में पिछले दो माह से ज्यादा समय से लाखों किसान शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है.