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काशी में अध्यात्म और आधुनिकता का अद्भुत संगम, विश्वनाथ कॉरिडोर की दीवारों पर करिए शिव स्तुति के दर्शन

वाराणसी में देव दीपावली (dev diwali 2023) की तैयारियां जोरों पर हैं. इस खास दिन पर लेजर शो के जरिए लोगों को शिव स्तुति सुनाई जाएगी. रोजाना शाम को इसके लिए ट्रायल भी किया जा रहा है.

काशी में देव दीपावली पर लेजर शो होगा.
काशी में देव दीपावली पर लेजर शो होगा.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 19, 2023, 10:07 PM IST

काशी में देव दीपावली पर लेजर शो होगा.

वाराणसी :धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी इन दिनों अपने भव्य रूप में नजर आ रही है. एक ओर नई-नई विकास परियोजनाएं चल रहीं हैं तो दूसरी ओर सनातन संस्कृति की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम जारी है. इसी क्रम में नवनिर्मित श्री काशी विश्वनाथ धाम की दीवारें इस बात की गवाही दे रहीं हैं कि काशी अपनी परंपरा के उत्थान के समय में आ चुकी है. यहां की दीवारों पर लेजर शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने और पीएम मोदी के काशी प्रेम की कहानी को बयां किया गया है. अध्यात्म और आधुनिकता का ये मेल लोगों को काफी पसंद आ रहा है.

देव दीपावली पर कार्यक्रम होना है.

27 को मनाई जाएगी देव दीपावली :वाराणसी में 27 नवंबर को देव दीपावली मनाई जानी है. इसी को लेकर जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग तैयारियां कर रहा है. देव दीपावली के दिन लेजर शो के माध्यम से शिव स्तुति सुनाई जाएगी. इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर की दीवारों पर उसका प्रदर्शन भी किया जाएगा. देव दीपावली के मौके पर साउंड सिस्टम और लाइट के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने का काम किया जाएगा. वहीं इसी दिन लेजर शो, हॉट एयर बैलून शो और आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां चल रहीं हैं. रोजाना शाम को इसका ट्रायल किया जा रहा है, जिसमें मंदिर की दीवारों पर शिव स्तुति का प्रदर्शन हो रहा है.

शिव स्तुति का प्रदर्शन लोगों को ध्यान खींच रहा है.

विश्वनाथ द्वार पर पहली बार दिख रही ऐसी प्रस्तुति :स्थानीय पुरोहित आलोक योगी ने बताया कि, जिस तरह से ललिता घाट और विश्वनाथ द्वार पर महादेव की स्तुति का वर्णन किया गया है. यह कहीं न कहीं सनातन धर्म के लिए और इस समाज के लिए बहुत ही अच्छा है. इस तरह का काम विश्वनाथ द्वार पर पहली बार देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद ही इस तरह के कार्य किए जा रहे हैं. इससे हमारे समाज में इसका एक अच्छा मैसेज जाएगा. उन्होंने कहा कि, लोगों की भी मांग है कि ऐसा ही आयोजन रोज किया जाए, जिससे यहां आने वाले लोगों को शिव स्तुति के बारे में पता चल सके. वहीं वाराणसी जिला प्रशासन भी इसी तरीके के आयोजन रोजाना करने की प्लानिंग कर रहा है.

दीवारों पर दर्शाया जा रहा बनारस का इतिहास :पर्यटन उप निदेशक आरके रावत ने बताया कि, जो भी पर्यटक वाराणसी आ रहे हैं उनको ध्यान में रखते हुए शाम को एक अच्छा इवेंट, एक डेस्टिनेशन के रूप में लाइट एंड साउंड शो गंगा द्वार पर आयोजित कराया गया है. यह बनारस के इतिहास को दर्शाता है. इसे बहुत बड़ी संख्या में लोग देखना भी चाहते हैं. देव दीपावली के अवसर पर इसका उद्घाटन होगा. लाइट एंड साउंड शो में बनारस की कहानी को दर्शाया गया है. गंगा द्वार अपने आप में ही एक अच्छा डेस्टिनेशन है. मंदिर से लगे होने के कारण यहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं. यहां आने वाले पर्यटकों को शाम के समय एक एक्टिविटी देखने को मिलेगी.

लेजर शो का रोजाना ट्रायल किया जा रहा है.

भगवान शिव को लेकर तैयार किया गया थीम :उन्होंने बताया, 'इस प्रयास से वाराणसी में बड़ी संख्या में पर्यटकों की वृद्धि होती है. इसे देखकर लोगों को मनोरंजन और रोमांच मिलेगा. भगवान शिव की नगरी है काशी. इसलिए लाइट एंड साउंड शो की थीम इसी पर आधारित है. इसमें अध्यात्म से जुड़ी हुई कहानी दर्शाई गई है. आने वाले समय में लोगों को यह काफी पसंद आने वाला है. बनारस में डेस्टिनेशन के रूप में घाट अपने आप में प्रसिद्ध हैं. घाट पर ही यह इवेंट दर्शकों के लिए तैयार किया गया है. घाट पर आने वाले टूरिस्ट निश्चित रूप से इसे देखकर खुश होंगे.' बता दें कि अस्सी घाट और दशाश्वमेध घाट के बाद गंगा द्वार पर भी पर्यटकों की भीड़ दिखेगी.

रोमांचित कर रही डमरू-त्रिशूल के साथ शिव स्तुति :देव दीपावली को लेकर लेजर शो का ट्रायल चल रहा है. ललिता घाट यानी गंगा द्वार पर लेजर शो का आयोजन किया जा रहा है. गंगा द्वार पर चल रहे लेजर शो में बनारस की कहानी दर्शाई जा रही है. इसमें भगवान शिव, डमरू, त्रिशूल की आकर्षित करने वाली अलग-अलग आकृतियां दिखाई जाती हैं. इनके बैकग्राउंड में शिव स्तुति चलती रहती है. लेजर शो और शिव स्तुति के कारण वह अधिक रोमांचित करता है. इसे देखने वालों में एक अलग ही अनुभूति होती है. शिव स्तुति के साथ ही लेजर शो में विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने की कहानी बताई जा रही है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गेरुआ वस्त्र धारण किए हुए तस्वीरें लोगों को आकर्षित कर रही हैं.

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