वाराणसीःधर्मनगरी काशी आज सज-धजकर तैयार है. मौका महापर्व देव दीपावली(Mahaparv Dev Deepawali) का है, जिसे लेकर काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला शाम को सूर्य अस्त होने के साथ ही जगमगा उठेगी. आज देवता धरती पर उतरेंगे और देव दीपावली का त्यौहार(dev diwali festival) मनाकर सभी को आशीर्वाद प्रदान करेंगे. इस भव्य आयोजन का साक्षी बनने के लिए काशी में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी है. हर घाट अभी से भीड़ से पटे नजर आ रहे हैं और मुख्य आयोजन स्थल दशाश्वमेध घाट(Dashashwamedh Ghat) पर है, जहां भव्य गंगा मां की महाआरती होनी है.
दशाश्वमेध घाट पर धर्म के साथ देशभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, क्योंकि हर वर्ष यहां पर बनाई जाने वाली लगभग 20 फीट की इंडिया गेट की रिप्लिका नहीं दिखाई दे रही है. यहां पर 14 फीट ऊंचा अमर जवान ज्योति का स्मारक (Memorial of Amar Jawan Jyoti) वीर जवानों की गाथा दिखाता नजर आ रहा है.
दरअसल, 1990 से काशी के विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती गंगा सेवा निधि(Ganga Seva Nidhi) की तरफ से शुरू करवाई गई. 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में हर वर्ष इस आयोजन को समर्पित करते हुए इसे आगे बढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हुई. इस परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि हर वर्ष देव दीपावली के मौके पर यहां होने वाली नियमित आरती को महाआरती के रूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें एक कई दर्शक और उनके साथ 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि ग्रुप में मौजूद होती हैं. कन्याओं को रखने का मकसद सिर्फ और सिर्फ महिला शक्ति को प्रदर्शित करते हुए महिलाओं को धर्म के क्षेत्र में भी पीछे न रहने के संदेश के साथ इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जाता है.