वाराणसी:ज्ञानवापी प्रकरण की याचिकाओं के बीच इन दिनों एक और याचिका की चर्चा हो रही है, जिसे अखिल भारतीय संत समिति ने सुप्रीमकोर्ट में दायर की है. इस याचिका में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बनाए जाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी दयानंद सरस्वती ने सुप्रीमकोर्ट में बीते दिनों 6 जून को इस याचिका को दाखिल किया था. स्वामी दयानंद सरस्वती ने बताया कि हर तरफ मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाये जाने की बात की जा रही है. जबकि, वास्तविकता के धरातल पर 200 ज्यादा जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं.
उन्होंने बताया कि 2019 में पत्र लिखकर मैंने प्रधानमंत्री से इस ओर ध्यान आकृष्ट करने की मांग की थी. अब तो यह बात और भी ज्यादा जरूरी हो गई है. क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय की एक बेंच ने भी अल्पसंख्यक आयोग से यह सवाल पूछ लिया है कि आखिर अल्पसंख्यक कौन है. उन्होंने बताया कि सिख, जैन, मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय कई जगहों पर हिंदुओं की तुलना में ज्यादा संख्या में है. फिर भी उन्हें अल्पसंख्यक कहा जाता है और हिंदुओं को बहुसंख्यक माना जाता है, जो न्यायोचित नहीं है.