वाराणसी: देव दीपावली (dev deepawali) का पर्व नजदीक है. इस बार 19 नवंबर को पड़ने वाले इस खास महापर्व को काशी में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाना है. इसे लेकर काशी में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. गंगा घाटों की साफ-सफाई से लेकर अन्य व्यवस्थाओं के लिए अधिकारी दिन-रात निगरानी में जुटे हुए हैं.
इन सबके बीच अब काशी में गंगा में चलने वाली नावों को डीजल की जगह सीएनजी से चलाए जाने की तैयारी पूरी हो गई है और देव दीपावली से पहले इको फ्रेंडली सिस्टम के तहत सीएनजी से सभी नौकाओं का संचालन किया जाएगा. इसके लिए सभी नौकाओं में सीएनजी किट लगाई जा रही है.
करीब 500 मोटर बोट को 19 नवंबर देव दीपावली तक सीएनजी से चलाने का टारगेट रखा गया है. आने वाले समय में गंगा में शत-प्रतिशत नौकाओं को सीएनजी से चलाने की प्लानिंग की गई है. मोक्षदायिनी गंगा दुनिया की पहली नदी होगी, जहां इतने बड़े पैमाने पर सीएनजी युक्त मोटर संचालित होंगी. इससे यहां आने वाले पर्यटकों को बिना प्रदूषण के अर्धचंद्राकार घाटों के किनारे खड़ी इमारतों, मठ, मंदिरों को देखने का एक अलग ही आनंद मिलेगा.
इस पहल से प्रदूषण का भी संरक्षण होगा. इसके लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल की तरफ से पिछले दिनों ही निर्देश जारी किया गया था. सीएनजी युक्त वोटों के संचालन के बाद वाराणसी दुनिया का पहला शहर होगा जहां इतने बड़े पैमाने पर सीएनजी की नावों का संचालन होगा. गंगा में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन की भी प्लानिंग की जा रही है, जिससे गंगा में चलते हुए ही नौकाओं को सीएनजी सप्लाई करने का प्लान भी पूरा हो सकेगा.
इस बारे में स्मार्ट सिटी के जनरल मैनेजर डी वासुदेवम ने बताया कि गंगा में करीब 1700 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं. इनमें से करीब 500 वोट डीजल इंजन से चलने वाली हैं. लगभग 177 बोटों में सीएनजी इंजन लगाया जा चुका है और बची हुई मोटर बोट को देव दीपावली तक सीएनजी इंजन से चला देने की प्लानिंग की गई है.
यह काम गेल इंडिया कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कर रही है. करीब 29 करोड़ के बजट से 1700 छोटी नावों और बड़ी नावों में सीएनजी इंजन लगाया जा रहा है. इसमें छोटी नावों पर करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च आ रहा है, जबकि बड़ी नावों पर लगभग ढाई लाख रुपये खर्च आ रहा है. सभी के नाविकों की नौकाओं में फ्री में लगाई जा रही है और इसके बदले में उनका डीजल इंजन लिया जा रहा है.
स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुमन कुमार ने बताया कि नौकाओं पर सीएनजी आधारित इंजन लगेगा. घाट पर ही फिलिंग स्टेशन बनाया गया है. जेटी पर डिस्पेंसर लग गया है. नाविकों का कहना है कि सीएनजी इंजन से आधे खर्च में दोगुनी दूरी तय कर पा रहे हैं और धुएं के साथ ही आवाज से भी मुक्ति मिल रही है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सीएनजी से प्रदूषण कम होगा और सीएनजी आधारित इंजन डीजल और पेट्रोल इंजन के मुकाबले 7 से 11% ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन संभव कर पाता है. जिसका प्रकृति के साथ ही गंगा मां को और बड़ा फायदा मिलेगा.
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