उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

BHU पासआउट अखिलेश मिश्रा आयरलैंड में भारत के राजदूत नियुक्त, विश्वविद्यालय परिवार से किया संवाद

भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने प्रौद्योगिकी संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक एवं एम.टेक की शिक्षा प्राप्त की है.

अखिलेश मिश्रा आयरलैंड में भारत के राजदूत नियुक्त, BHU टीचिंग फैकल्टी से किया संवाद
अखिलेश मिश्रा आयरलैंड में भारत के राजदूत नियुक्त, BHU टीचिंग फैकल्टी से किया संवाद

By

Published : Sep 5, 2021, 11:38 AM IST

वाराणसी :काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र आयरलैंड में भारत के नवनियुक्त राजदूत अखिलेश मिश्रा ने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के साथ संवाद किया. विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति (प्रभारी) प्रो. वी.के शुक्ला ने नवनियुक्त राजदूत एवं उनकी पत्नी का स्वागत किया एवं उनकी नियुक्ति के लिए उन्हें बधाई दी.

इस दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों के अध्यक्ष, संकाय प्रमुख, कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी, वित्ताधिकारी अभय कुमार ठाकुर, छात्र अधिष्ठाता प्रो. एम.के सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने प्रौद्योगिकी संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक एवं एम.टेक की शिक्षा प्राप्त की है.

अखिलेश मिश्रा आयरलैंड में भारत के राजदूत नियुक्त, BHU टीचिंग फैकल्टी से किया संवाद

अखिलेश मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उनकी तमाम अविस्मरणीय यादें जुड़ी हुई हैं. यहां आना उनके लिए सदैव एक विशेष एवं सुखद अनुभव होता है. कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक ऐसा संस्थान है जिसके छात्रों, शिक्षकों व इससे जुड़े लोगों ने स्वतंत्रता से पूर्व के काल से लेकर अब तक राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है.

ऐसे में इस संस्थान का हिस्सा बनना किसी के लिए भी बड़े सौभाग्य की बात है. बताया कि भारत और आयरलैंड के संबंध न सिर्फ काफी गहरे हैं बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं. आयरलैंड एक ज्ञान आधारित महाशक्ति के रूप में स्थापित है और भारत का एक विशिष्ट साझेदार है. आयरलैंड नवोन्मेष के क्षेत्र में काफी आगे है. दोनों देशों के बीच संपर्क, साझेदारी व संवाद बढ़ने से भारतीय शैक्षणिक संस्थानों को काफी लाभ हो सकता है.

ऐसा होने पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय भी काफी कुछ साझा कर सकता है क्योंकि यहां न सिर्फ विश्व स्तरीय शोध एवं अनुसंधान होते हैं बल्कि प्राचीन एवं आधुनिक ज्ञान का अनूठा समागम भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में देखने को मिलता है. विश्वविद्यालय के उन क्षेत्रों को चिह्नित करने पर ज़ोर दिया जिनके माध्यम से विश्वविद्यालय को वैश्विक फलक पर ले जाने में मदद मिले.

यह भी पढ़ें :शिक्षक दिवस विशेष: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का काशी हिंदू विश्वविद्यालय से था गहरा नाता

इसका लाभ न सिर्फ विश्वविद्यालय को मिलेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय संस्थानों व उनके छात्रों को भी प्राप्त होगा. अखिलेश मिश्रा ने कहा कि संस्कृति, ज्ञान व अध्यात्म की नगरी वाराणसी में भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा स्थापित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पास दुनिया को देने के लिए काफी कुछ है.

ऐसे में इस संस्थान के प्रकाश को विश्व भर में ले जाने की आवश्यकता है. कहा कि इस कार्य में विश्वविद्यालय के पुरा छात्र अहम भूमिका निभाते हैं. ख़ास तौर से वे छात्र जो विदेशों से यहां आकर पढ़ाई करते हैं. कार्यक्रम में कुलपति बी.के शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पुरा छात्र विश्वभर में बीएचयू की ख्याति एवं प्रतिष्ठा को बढ़ा रहे हैं. भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी अखिलेश मिश्रा की उपलब्धियों पर विश्वविद्यालय को अत्यंत गर्व है.

अखिलेश मिश्रा आयरलैंड में भारत के राजदूत नियुक्त, BHU टीचिंग फैकल्टी से किया संवाद

उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की यात्रा, उपलब्धियों एवं नई पहलों के बारे में जानकारी दी. कहा कि BHU विश्व का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय हैं जहां इतनी बड़ी संख्या में व विविध पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस योजना के तहत काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का चयन किया गया. इसके तहत विश्वविद्यालय में आधुनिक एवं उच्च कोटि की सुविधाएं व ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि गुणवत्ता परक शोध, अनुसंधान एवं नवोन्मेष को और तेज़ी दी जा सके.

इस योजना के तहत विश्वविद्यालय को विश्व के शीर्ष 500 संस्थानों में लाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए विश्वविद्यालय में निरंतर प्रयास जारी हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय में स्थापित अनेक नई सुविधाओं जैसे सीडीसी, अटल इन्क्यूबेशन सेंटर एवं बीएचयू बायोनेस्ट आदि की चर्चा की. बताया कि कैसे विश्वविद्यालय का ज़ोर अब शिक्षा के साथ साथ उद्योग जगत के साथ साझेदारी विकसित करना एवं स्टार्टअप के अनुकूल वातावरण मुहैया कराना भी है.

कार्यक्रम का संचालन विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने किया. इस दौरान विभिन्न संस्थानों के अध्यक्षों एवं संकाय प्रमुखों ने संबंधित संस्थानों व संकायों की विशेषताओं व विशेषज्ञताओं के बारे में बताया कि कैसे उनका लाभ विश्वविद्यालय को ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनाने में कारगर साबित हो सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details