उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों के उत्पीड़न का किया विरोध

यूपी के वाराणसी जिले में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने तीर्थ पुरोहितों, ब्राह्मणों व पुजारियों के उत्पीड़न का विरोध किया. साथ ही अखिल भारतीय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवीन सागर ने प्रेसवार्ता कर सरकार के सामने अपनी 10 मांगे रखीं.

तीर्थ पुरोहितों, ब्राह्मणों व पुजारियों का उत्पीड़न
तीर्थ पुरोहितों, ब्राह्मणों व पुजारियों का उत्पीड़न

By

Published : Sep 24, 2020, 4:55 PM IST

वाराणसीः अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने तीर्थ पुरोहितों, ब्राह्मणों व पुजारियों पर हो रहे उत्पीड़न के विरोध में बुधवार को एक प्रेस वार्ता की. इस प्रेसवार्ता के माध्यम से अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. इस प्रेसवार्ता के दौरान अखिल भारतीय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवीन सागर ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखीं. वहीं सरकार का खुलकर विरोध करते हुए तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल के समय लॉकडाउन में जहां तीर्थ यात्रियों का आवागमन बंद रहा. जिससे तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों, ब्राह्मणों व पण्डों की माली हालत पर काफी खासा असर पड़ा. ऐसे में सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं प्रदान की.

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के द्वारा निम्न बातें कर अपनी मांगों को रखा गया-
1. वर्तमान सरकार के द्वारा ब्राहमणों, तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारियों पर कुठाराघात किया जा रहा है. जिसकी अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा व काशी तीर्थ पुरोहित सभा कड़ी निंदा करती है.

2. वर्तमान सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों व मंदिरों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया जा रहा है, जो सनातनी संस्कृति, परंपराओं, मूल्यों व धार्मिकता पर प्रहार है. प्राचीन मान्यताओं को धराशायी कर विकास के नाम पर उत्पीड़न अक्षम्य है.

3. गंगा की अविरलता, निर्मलता व निर्बाध धारा के लिए सरकार द्वारा अब तक कोई भी कार्य नहीं किया गया. लाखों-करोड़ों खर्च के बाद भी गंगा की दशा जस की तस है. सरकार द्वारा कागजी घोड़े दौड़ा कर विकास और गंगा निर्मलीकरण की गाथा एक छलावा है.

4. कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से तीर्थ यात्रियों का आवागमन बंद हो जाने से तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों, ब्राहमणों व पण्डों की माली हालत पर खासा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में सरकार की ओर से तीर्थों के तीर्थ पुरोहितों को सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गई.

5. सरकार द्वारा समस्त तीर्थों में स्थलों का आधिग्रहण एवं साइन बोर्ड बनाकर तीर्थ पुरोहितों का उत्पीड़न व दोहन किया जा रहा है. जबकि तीर्थों में तीर्थ पुरोहितों के द्वारा ही किसी शाच-अशौच व धार्मिक आयोजनों की मान्यता है. इस परम्परा को दरकिनार कर तीर्थ पुरोहितों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है.

6. तीर्थ पुरोहितों के द्वारा सरकार से तीर्थ विकास निगम की स्थापना की मांग विगत कई सालों से की जा रही है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई, जो तीर्थ पुरोहितों के नैतिक अधिकारों का हनन है.

7. अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा व काशी तीर्थ पुरोहित सभा सरकार से यह मांग करती है कि तीर्थ पुरोहितों को नगरीय विकास के लिए स्थापित समितियों में भी शामिल किया जाए.
8. तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों, पण्डों और धार्मिक आयोजनों पर टैक्स वसूली करने का कानून निरस्त किया जाए.
9. मंदिरों, घाटों एवं धार्मिक स्थलों का अधिकरण बन्द किया जाए.
10. बंगाल सरकार के द्वारा ब्राह्मणों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के तर्ज पर उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारतवर्ष में भी समस्त तीर्थों के तीर्थ पुरोहितों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details