वाराणसीः अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने तीर्थ पुरोहितों, ब्राह्मणों व पुजारियों पर हो रहे उत्पीड़न के विरोध में बुधवार को एक प्रेस वार्ता की. इस प्रेसवार्ता के माध्यम से अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. इस प्रेसवार्ता के दौरान अखिल भारतीय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवीन सागर ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखीं. वहीं सरकार का खुलकर विरोध करते हुए तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल के समय लॉकडाउन में जहां तीर्थ यात्रियों का आवागमन बंद रहा. जिससे तीर्थ पुरोहितों, पुजारियों, ब्राह्मणों व पण्डों की माली हालत पर काफी खासा असर पड़ा. ऐसे में सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं प्रदान की.
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के द्वारा निम्न बातें कर अपनी मांगों को रखा गया-
1. वर्तमान सरकार के द्वारा ब्राहमणों, तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारियों पर कुठाराघात किया जा रहा है. जिसकी अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा व काशी तीर्थ पुरोहित सभा कड़ी निंदा करती है.
2. वर्तमान सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों व मंदिरों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया जा रहा है, जो सनातनी संस्कृति, परंपराओं, मूल्यों व धार्मिकता पर प्रहार है. प्राचीन मान्यताओं को धराशायी कर विकास के नाम पर उत्पीड़न अक्षम्य है.
3. गंगा की अविरलता, निर्मलता व निर्बाध धारा के लिए सरकार द्वारा अब तक कोई भी कार्य नहीं किया गया. लाखों-करोड़ों खर्च के बाद भी गंगा की दशा जस की तस है. सरकार द्वारा कागजी घोड़े दौड़ा कर विकास और गंगा निर्मलीकरण की गाथा एक छलावा है.