दम घोंट रही है काशी की आबोहवा, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या - एयर क्वालिटी इंडेक्स
प्रदूषण को लेकर हर तरफ काफी हंगामा मचा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. वाराणसी की स्थिति भी एयर क्वालिटी इंडेक्स के मामले में काफी खराब हो चुकी है, शहर की आबोहवा दिनों दिन जानलेवा बनती जा रही है.
मंडलीय अस्पताल
वाराणसी: सरकार भी प्रदूषण को कम करने के प्रयास करने में जुटी हुई है. केंद्र सरकार की तरफ से अलग और प्रदेश सरकार की तरफ से अलग स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी की स्थिति भी एयर क्वालिटी इंडेक्स के मामले में काफी खराब है. सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं और बच्चों और वृद्धों के लिए है. इस समय सांस लेने में दिक्कत गले में समस्या और आंखों में जलन की शिकायत आम है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है.
शहर में तमाम जगहों पर लगाए गए जनरेटर मानक के अनुरूप ऑपरेट नहीं हो रहे हैं, जिसकी वजह से स्थिति और बिगड़ रही है और इसका नतीजा लोगों को बीमारी के रूप में सामने देखने को मिल रहा है.बनारस में मुख्य प्रदूषण तत्व यानी पीएम 2.5 की बात की जाए, तो अर्दली बाजार में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेंटर पर लगे संयंत्र के मुताबिक इसका स्तर लगातार दो दिनों से 450 से 490 के बीच दर्ज किया गया है.
इसका औसत स्तर 345 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए, इससे भी गंभीर कमांड कंट्रोल सेंटर के आंकड़ों की है. इनके अनुसार सामान्य रूप से धुर और गुबार में घिरे रहने वाले शहर के अलग-अलग इलाकों के हालात दिनों दिन बिगड़ते जा रहे हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 447 से 490 के बीच बना हुआ है. वहीं पीएम10 की अगर बात की जाए तो इसका अधिकतम स्तर 459 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है.
स्थान | एयर क्वालिटी इंडेक्स |
वरुणा शास्त्री चौक | 122 |
पड़ाव | 468 |
बीएचयू | 409 |
चितईपुर | 408 |
दशाश्वमेध | 432 |
भेलूपुर | 445 |
मंडुवाडीह | 499 |
मलदहिया | 406 |
बौलिया | 426 |
आदमपुर | 402 |
कैंट स्टेशन | 417 |
अर्दली बाजार | 406 |
सारनाथ | 447 |
तरना | 473 |
पंचक्रोशी | 406 |