वाराणसी: एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अदालत में अर्जी दायर की गई. इस पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने वादी पक्ष और एडवोकेट कमिश्नर से आपत्ति मांगी है. अदालत ने कमेटी की अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए 9 मई की तारीख तय की थी. इसके चलते आज एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे.
सोमवार की सुनवाई को लेकर वादी पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड ने मीडिया को बताया कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. 18 अगस्त को जब आदेश आ गए थे तो बार-बार इसी चीज को लेकर उन्होंने आपत्तियां क्यों दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि बैरिकेडिंग का ऑर्डर और उसके अंदर जाने का भी आर्डर स्पष्ट था. ताला खुलवाने का भी आर्डर पूरी तरह स्पष्ट था. फिर भी एडवोकेट कमिश्नर की प्रोसीडिंग को रोकने के लिए हर तरह का नैतिक-अनैतिक प्रयास किया गया है.
अधिवक्ता शिवम गौड ने कहा कि जब 28 लोगों की लिस्ट बनी कि वो एडवोकेट कमीशन की प्रोसीडिंग के दौरान मौजूद रहेंगे, इसके अलावा कोई नहीं रहेगा. तो किस आधार पर 2 सौ लोगों को वहां रोका गया. उन्होंने कहा कि राखी सिंह के वाद में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, कमिश्नर व राज्य सरकार की ओर से सेक्रेटरी तीनो पार्टी हैं. तीनों को बताया गया था कि आपको सहयोग करना है. यह सुनिश्चित करना है कि एडवोकेट कमीशन की प्रोसीडिंग बिना किसी रूकावट के पूरी हो. लेकिन वह नहीं हो पाई.