वाराणसी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को पूरे परिवार के साथ जनपद में हैं. तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे रामनाथ कोविंद ने पहले दिन मां गंगा की भव्य आरती देखी. गंगा घाट पर गंगा सेवा निधि के बैनर तले 1992 से हो रही गंगा आरती को देखकर राष्ट्रपति भाव विभोर हो गए लेकिन इस आरती को देखने के बाद उन्होंने एक सुझाव भी दिया है.
प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय से मिले राष्ट्रपति. बीएचयू के प्रोफेसर से की बातचीत
दरअसल, आज का दिन बेहद खास था क्योंकि पहली बार देश का कोई राष्ट्राध्यक्ष वाराणसी में होने वाली गंगा आरती में शामिल हुआ था. लगभग एक घंटे से ज्यादा वक्त तक राष्ट्रपति आरती में सम्मिलित हुए. निकलते वक्त राष्ट्रपति काशी हिंदू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय से मिले. चंद्रमौली उपाध्याय काशी के नामचीन और प्रबुद्ध जनों के साथ प्रख्यात विद्वान भी हैं. उनसे बातचीत के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने मन की बातें भी उनसे शेयर की.
नर्मदा नदी के तट पर होने वाली आरती का किया जिक्र
प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय ने बताया कि आज की गंगा आरती देखकर राष्ट्रपति बेहद खुश हुए. उन्होंने आरती की प्रशंसा भी की लेकिन उन्होंने जबलपुर मध्य प्रदेश में एक स्थान पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती की भी भूरी-भूरी प्रशंसा की. प्रोफेसर उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मैं जबलपुर नर्मदा नदी के तट पर होने वाली आरती में शामिल हुआ था. मुझे वह बेहद पसंद आई थी और बड़ी आत्मीय शांति मिली थी.
यह भी पढ़ेंः काशी में गंगा आरती देख भाव विभोर हुए राष्ट्रपति
आप लोगों की आरती विश्व विख्यात है और बहुत ही बड़े स्तर पर होती है इसलिए यह जरूरी है कि आरती समिति से जुड़े लोग अपने यहां की चीजों को दूसरे राज्यों में नदी तट पर होने वाली आरती समिति के लोगों से साझा करें. इस प्रयास से दो राज्यों के बीच अच्छे रिश्ते भी बनेंगे और अलग-अलग नदी तट पर होने वाली पार्टियों की भव्यता भी बढ़ेगी. इसके साथ ही लोगों को और भी बेहतर चीजें देखने को मिलेंगी.