वाराणसी: बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता संजय मिश्रा अपनी अपकमिंग फिल्म ‘दुर्गा प्रसाद की दूसरी शादी’ (Durga Prasaad ki Shadi) की शूटिंग के लिए वाराणसी पहुंचे हैं. इस फिल्म में अभिनेता के साथ फिल्म अभिनेत्री महिमा चौधरी समेत अन्य के कलाकार भी काशी में मौजूद हैं. इस फिल्म की शूटिंग दशाश्वमेध घाट, गोदौलिया समेत बनारस गलियों में 3 दिनों से चल रही है. इस दौरान अभिनेता संजय मिश्रा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की...
शुक्ला का किरदार कौन भूल सकता है
अभिनेता संजय मिश्रा अपने मस्त मौले और बिंदास अंदाज के लिए जाने जाते हैं. वह छोटे पर्दे पर भी अपने फैंस का दिल जीत लेते हैं. :ऑफिस-ऑफिस" में शुक्ला का किरदार कौन भूल सकता है. उसके साथ ही धमाल फिल्म में बाबू भाई का रोल भी सबको याद ही होगा और आंखों देखी के राजेश बाबू जी के रूप में उनको एक अलग पहचान मिली है. मुख्य फिल्म धमाल, जॉली एलएलबी, गोलमाल, आंखों देखी, दम लगा के हईशा, मसान, जैसी फिल्मों में वह काम कर चुके हैं.
1995 से नहीं बदला सूट केश
संजय मिश्रा के पास एक सूटकेस है. वह जहां भी जाते हैं, उस सूटकेस के साथ ही जाते हैं. यह सूटकेस 1995 से उनके पास है. संजय मिश्रा ने बताया कि जब वह संघर्ष कर रहे थे. उस समय यह बैग उनके पास था. अभिनेता ने बताया कि संघर्ष के दिनों में यह बैग उनके पास था. इसलिए आज यह बैग उनकी पहचान है. उन्होंने कहा कि अपने करीबी चीजों को नहीं बदलना चाहिए.
एक्टिंग में देसी पन है
हास्य अभिनेता संजय मिश्रा ने बताया कि उनकी एक्टिंग में देसी पन है, क्योंकि वह बनारस के रहने वाले हैं. यहीं पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. इसीलिए हर एक के अंदर उसके शहर का अंदाज रहना चाहिए. उन्होंने कहा मुझे यह पहचान बनारस से मिली है. इसलिए वह बनारसी पन को नहीं छोड़ सकते हैं.
नए कलाकारों के लिए कहा
संजय मिश्रा ने नए कलाकारों के लिए कहा कि आप जो हैं, वही रहिए. किसी की कॉपी मत करिए. प्रभु ने हर इंसान में कुछ न कुछ चीज दी है. इसलिए ईश्वर ने जो दिया है. उसे हर कलाकार को प्लेटफार्म पर लाने की जरूरत है. वही अपनी पहचान बनती है. उन्होंने कहा कि वह जब भी बनारस आते हैं, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की शहनाई को जरूर सुनते हैं. बनारस के घाटों पर उन शहनाई को सुनकर जैसे लगता है कि वह यहां बैठे हों. घाटों पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के शहनाई को सुनकर बनारस को महसूस किया जा सकता है.