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अस्पतालों ने नहीं दिया सही मौत का आंकड़ा, तो होगी कड़ी कार्रवाई

यूपी के वाराणसी में सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों के आंकड़ों को जारी करने में बरती जा रही लापरवाही पर जिला प्रशासन ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने अस्पतालों को निर्देशित किया है कि यदि अस्पतालों ने सही आंकड़े नहीं उपलब्ध कराएं तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा.

अस्पतालों को मौत का सही आंकड़ा देना होगा
अस्पतालों को मौत का सही आंकड़ा देना होगा

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Published : May 19, 2021, 10:55 PM IST

वाराणसी:कोविड महामारी के दौर में जहां एक ओर शासन प्रशासन मरीजों तक हर संभव मदद और सही जानकारी लोगों के बीच पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर अन्य मातहतों के द्वारा हर दिन लापरवाही बरतने के साथ आकड़ो में भी हेर-फेर किया जा रहा है. इसी के तहत में वाराणसी के सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों के आंकड़ों को जारी करने में बरती जा रही लापरवाही पर जिला प्रशासन ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने पत्र लिखकर सभी अस्पतालों को निर्देशित किया है कि यदि अस्पतालों ने सही आंकड़े नहीं उपलब्ध कराएं तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा.

अस्पतालों के द्वारा बरती जा रही है लापरवाही
गौरतलब है कि निजी और सरकारी अस्पतालों द्वारा लगातार आंकड़ों को लेकर हेराफेरी की जा रही है, जिसके कारण समीक्षा बैठक में अफसरों को उच्चाधिकारियों के सामने असुविधा होती है. इसे देखते हुए बीते दिनों जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक पत्र जारी कर अस्पतालों को निर्देश दिया था. इसके साथ ही सीएमओ के द्वारा भी पुनः पत्र जारी कर अस्पतालों को चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन उसके बावजूद भी कई अस्पताल लगातार लापरवाही कर रहे हैं. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग को जिले के मरीजों के आंकड़े, मृतकों की संख्या इत्यादि को सटीक रूप से प्रस्तुत करने में दिक्कत हो रही है.

सीएमओ ने दिए कड़े दिशा निर्देश
इस बाबत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वी बी सिंह ने बताया कि सभी अस्पतालों को यह निर्देशित कर दिया गया है कि उन्हें अस्पताल में एक अलग से रजिस्टर बनाकर कोविड मरीजों और मृतकों के नाम, आयु, लिंग, पता, टेस्ट आईडी, मोबाइल नंबर, भर्ती की तारीख इत्यादि सम्मिलित करना होगा. जिससे आंकड़ों में हेराफेरी ना हो. साथ ही इस रजिस्टर के जरिए समय-समय पर आंकड़े भी चेक किए जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि इन सब कार्यों की निगरानी के लिए अस्पताल बार एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा और यदि किसी अस्पताल के द्वारा पुनः लापरवाही बरती गई तो उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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