वाराणसी: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलाल स्थापना महोत्सव को लेकर तैयारियां जोर शोर से जा रही हैं. अयोध्या में कोने-कोने को सजाया जा रहा है और भव्य आयोजन को लेकर लंबे चौड़े बजट के साथ तैयारी को आगे बढ़ने का काम किया जा रहा है. भगवान राम के इस बड़े आयोजन में शिव की नगरी काशी से बड़ी जिम्मेदारियां का निर्माण किया जा रहा है. एक तरफ जहां मुख्य यजमान बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, तो मुख्य पुजारी और कर्मकांड करने की जिम्मेदारी भी बनारस के ही पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित को सौंपी गई है.
मुख्य ज्योतिषाचार्य और पूरे राम जन्मभूमि स्थापना समारोह का मुहूर्त निकालने वाले ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी काशी से हैं. इन सब के बीच काशी को ही धर्माचार्य को अयोध्या तक पहुंचाने और घर-घर धार्मिक आयोजनों की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंप गई है. काशी में रहने वाले अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस पल को यादगार बनाया जाएगा.
जब रामानंद सागर के द्वारा तैयार की गई रामायण का प्रसारण टीवी चैनल पर होता था. श्रद्धा भाव और आस्था के साथ जैसे उस वक्त लोग रामायण देखने के लिए स्नान ध्यान करके, धूप-अगरबत्ती जलाकर भगवान राम का ध्यान करते थे. कुछ ठीक उसी तर्ज पर 22 जनवरी को भी लोगों को टीवी के सामने बैठने की अपील करते हुए संतों को इस धार्मिक आयोजन को और खास बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि यह बहुत बड़ा मौका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से इस पूरे आयोजन से पहले हर मंदिर में रामचरितमानस का पाठ भंडारा और भजन आदि करने के लिए 100 करोड़ का बजट विधानसभा में पास किया है. वह अपने आप में बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि संत समिति इसका स्वागत करती है.