वाराणसी: शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को मजबूती देने के लिए शहरी क्षेत्र के विकास की रूपरेखा योगी सरकार में तैयार की गई. पिछले कार्यकाल में ही प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही प्रदेश भर में नगर निकाय की सीमा बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने का काम शुरू हुआ. प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र में भी 86 ऐसे गांव हैं, जिनको नगर निगम सीमा में जोड़कर शहरी क्षेत्र का विस्तार किया गया.
इसके बाद 90 वार्ड से बढ़कर अब 100 वार्ड हो चुके हैं, लेकिन इन सबके बीच लंबे वक्त से इन 86 गांवों में रहने वाली लाखों की आबादी को नगर निगम सीमा में शामिल होने की जितनी खुशी थी. उससे कहीं ज्यादा दुख इन्हें झेलने पड़े. यह दुख और तकलीफ इस बात के लिए की थी, क्योंकि पहले ग्राम सभा में रहने वाले यह लोग खराब सड़क बगैर शिविर रात के अंधेरे में सड़कों पर चलने के आदि थे, लेकिन नगर निगम सीमा में आने के बाद इन्हें व सपने दिखाए गए जो शायद कई सालों से पूरे नहीं हो रहे थे. अब उम्मीद जगी है कि यह सपने पूरे होंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत नगर सीमा में शामिल हुए इन 86 गांव की तस्वीर बदलने की प्लानिंग शुरू हो चुकी है.
वाराणसी के नगरीय क्षेत्र के विस्तार के लिए नगर निगम को शहर से सटे 86 गांव को ग्राम सभा से अपने क्षेत्र में लाने की प्लानिंग तैयार हुई थी. लगभग 3 साल पहले इस काम को शुरू करते हुए इसे अमलीजामा पहनाया गया, लेकिन नगरीय क्षेत्र में शामिल होने वाले गांव में रहने वाले लोगों की मुसीबतें कम होने की जगह और बढ़ गईं, क्योंकि इन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली लाखों की आबादी बगैर सड़क, बगैर स्ट्रीट लाइट और बिना सीवर निस्तारण की व्यवस्था के समस्याओं से जूझती रही.
साफ-सफाई तक की दिक्कत सामने आने लगी और यहां पर रहने वाले लोग घड़ी के पेंडुलम की तरह से इधर-उधर डोलते रहे, क्योंकि ग्रामसभा खत्म होने के बाद प्रधान सुनता नहीं था और नगर निगम वाले दस्तावेज तैयार न होने की बात कहकर इन्हें टालते रहते थे, लेकिन अब वाराणसी नगर निगम में शामिल इन ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को पंख लगने जा रहे हैं.