वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर हर किसी के मन में काफी उत्सुकता है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 600 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने के बाद इस कॉरिडोर की भव्यता किस रूप में होगी, कैसा दिखेगा यह कॉरिडोर और क्या कुछ इसके अंदर खास होगा, इन सभी चीजों की जानकारी हर कोई हासिल करना चाह रहा है. लोगों में इसलिए भी उत्सुकता ज्यादा है, क्योंकि कॉरिडोर का काम इसी महीने पूरा किए जाने का टारगेट सेट किया गया है और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में इस कॉरिडोर का उद्घाटन भी कर सकते हैं.
ईटीवी भारत आपको आज श्री काशी विश्वनाथ धाम में लेकर चल रहा है. जहां निर्माणाधीन कॉरिडोर का 80% कार्य पूर्ण हो चुका है. बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह के आसपास पहली बार आपको अपने कैमरे के जरिए ईटीवी भारत इस कॉरिडोर की भव्य तस्वीरें दिखाने जा रहा है.
सिर्फ 20% कार्य है शेष
इन दिनों देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ के धाम को एक अद्भुत रूप देने का काम जोर-शोर से चल रहा है. 55,000 स्क्वायर फीट एरिया में बनाए जाने वाले भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर के काम को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है, सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है. कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि इस कॉरिडोर में टोटल 24 बिल्डिंग का निर्माण किया गया है. यह सभी बिल्डिंग अलग-अलग कार्यों में इस्तेमाल होंगी और सभी बिल्डिंग बनकर तैयार हैं. यहां 80% से ज्यादा कार्य पूर्णं हो चुका है और 20% शेष बचे हुए कार्य में चीजों को फाइनल टच दिया जा रहा है.
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स्थापित होंगी कई पुरानी प्रतिमाएं
सबसे बड़ी बात यह है कि कॉरिडोर के अंदर मंदिरों के ध्वस्तीकरण के बाद अब इनको एक बार फिर से स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. लाल पत्थरों के साथ ध्वस्त किए गए मंदिरों को नया रूप दिया जा रहा है. मंदिर प्रशासन का कहना है कि जब कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो लगभग 350 मकानों की खरीद-फरोख्त के बाद इसके अंदर से 50 से ज्यादा मंदिर सामने आए थे. उनमें से कुछ मंदिर काफी पुराने थे, जिसे एक बार फिर से नया रूप देने का काम शुरू किया गया है. सभी मंदिर एक जैसे दिखाई दें, इसलिए लाल पत्थरों से इन्हें तराशा जा रहा है. इतना ही नहीं हाल ही में 100 साल पहले भारत से चोरी की गई माता अन्नपूर्णां की प्राचीन प्रतिमा के साथ ही माता पार्वती, कुबेर और कुछ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को 15 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में पुनः स्थापित किया जाएगा.
तैयार हो गए कई भव्य द्वार
बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह के आसपास लाल पत्थरों का भव्य संकुल तो तैयार हो ही चुका है, साथ ही साथ कॉरिडोर के अंदर प्रवेश करने और गर्भगृह तक पहुंचने के लिए चार अलग-अलग द्वार तैयार किए गए हैं. लाल पत्थरों से नक्काशी दार भव्य द्वार देखकर ही आपको विश्वनाथ कॉरिडोर की भव्यता का अंदाजा लग जाएगा. परिसर के अंदर लाल पत्थरों का भव्य संकुल अहमदाबाद और गांधीनगर के अलावा मिर्जापुर से आएगा, जो लाल पत्थरों से तैयार किया जा रहा है.
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