वाराणसीः अन्नकूट पर्व में भगवान के आगे 56 तरह के व्यंजनों का भोग अर्पित किया जाता है और ये बड़ा ही मनमोहक और अलग तरह का आयोजन होता है. काशी में तो अन्नकूट पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. भगवान श्री काशी विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा के साथ ही काशी के सभी देवालयों को बड़े ही भव्य तरीके से सजाया जाता है. लड्डू के भव्य मंदिर बनाकर भगवान को भेग अर्पित किया जाता है.
अन्नकूट पर्व को लेकर ऐसी मान्यता है कि द्वापर काल में जब भगवान इंद्र ने अपने घमंड में चूर होकर लगातार पांच दिनों तक भारी बारिश शुरू कर दी. तब भगवान श्री कृष्ण ने लोगों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए कानी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था. गोवर्धन पर्वत उठाए जाने के बाद इंद्र का घमंड चूर-चूर हो गया था. जिसके बाद इंद्र ने अपनी गलती मानते हुए बारिश को रोक दिया. इसी खुशी में लोगों ने भगवान के सामने 56 तरह के व्यंजनों का भोग बनाकर उन्हें अर्पित किया और अन्न का पहाड़ भगवान को समर्पित करते हुए धन्यवाद किया. तभी से लेकर आजतक अन्नकूट पर्व पूरे धूमधाम के साथ मनाया जाता है.