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वाराणसी: बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के दौरान मिला 500 साल पुराना मंदिर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण शुरू होने के बाद, विश्वनाथ धाम परिसर में घरों के अंदर छिपे पुरातन और खूबसूरत मंदिरों के मिलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. ये मंदिर नक्काशी और वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं.

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Published : May 9, 2020, 1:37 PM IST

500 साल पुराना मंदिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में मिला
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में मिला 500 साल पुराना मंदिर

वाराणसी:वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कार्य रोक दिया गया था. कुछ दिन पहले निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ और निर्माण कार्य शुरू होने के साथ, एक बार फिर से विश्वनाथ धाम परिसर में घरों के अंदर छिपे पुरातन और खूबसूरत मंदिरों के मिलने का सिलसिला भी शुरू हो गया. अब तक 60 से ज्यादा मंदिर ऐसे मिले हैं, जो लोगों ने अपने घरों के अंदर निर्माण करके पूरी तरह से ढक दिए थे. इनमें 30 मंदिर ऐसे हैं जिनका स्कंध पुराण के काशी खंड में वर्णन भी है. दो-तीन दिन पहले एक मकान के अवैध निर्माण को तोड़े जाने के दौरान जो मंदिर अब तक सामने आया है, वह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने है. और इस मंदिर का नाम कैलाश महादेव मंदिर है. इस मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला अद्भुत है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में मिला 500 साल पुराना मंदिर

वास्तुकला और नक्काशी का अद्भुत नमूना है यह मंदिर

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण शुरू हुआ, तो एक-एक करके लगभग 280 से ज्यादा मकानों का क्रय करने के बाद मकानों का ध्वस्तीकरण शुरू किया गया. तब इनमें छिपे मंदिरों के सामने आने का सिलसिला भी शुरू हुआ. एक के बाद एक कई ऐसे मंदिर सामने आए जो वास्तुकला और नक्काशी का अद्भुत उदाहरण हैं.

समुद्रेश्वर मंदिर, पुतलीबाई धर्मशाला में स्थित शिव मंदिर और अब कैलाश महादेव मंदिर यह तीन ऐसे मंदिर मिले हैं, जिनकी नक्काशी और इसमें मौजूद निर्माण के तरीके को देखकर यह साफ होता है, कि इन मंदिरों का निर्माण लगभग 500 साल पहले एक ही काल में किया गया था. इसके अलावा दो ऐसे मंदिर भी हैं जो जमीन से लगभग 30 फीट नीचे हैं. इनमें एक अमृतेश्वर महादेव और एक नीलकंठ महादेव मंदिर शामिल है.

500 साल पुराना है मंदिर

विश्वनाथ मंदिर परिसर के आस-पास भव्य रूप से बनाए गए इन मंदिरों की देखभाल अलग-अलग स्टेट किया करते थे, लेकिन समय के साथ मंदिर घरों में कैद होते गए और इनकी खूबसूरती भी खत्म हो गई. अब जब श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण शुरू हुआ तब इन मंदिरों के बाहर आने का सिलसिला भी लगातार जारी है. मंदिर प्रशासन की मानें तो अब तक 60 ऐसे मंदिर मिले हैं, जो घरों में पूरी तरह से निर्माण के बीच कैद कर दिए गए थे. कहीं कमरा बना था तो कहीं लोगों ने शौचालय बना रखे थे.

फिलहाल जो कैलाश महादेव मंदिर सामने आया है वह भी लगभग 500 साल पुराना बताया जा रहा है. मंदिर में काले पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर के चारों तरफ सुंदर मूर्तियों के साथ बेहतरीन पत्थर पर जालीदार नक्काशी की गई है. अपने आप में यह साफ करता है कि कई सौ साल पुराना यह मंदिर जीवंत कला का अद्भुत नमूना है.

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