वाराणसी: सावन का पवित्र महीना इस बार काशी के लिए बेहद खास रहा. इस बार सावन भर काशी पर्यटकों से गुलजार रही. सिर्फ जुलाई के महीने में 40 लाख पर्यटक काशी पहुंचे हैं. बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से पर्यटन विभाग के साथ ही यहां के छोटे-बड़े व्यापारियों को व्यापार में काफी लाभ हुआ है. इतना ही नहीं अब देव दीपावली को लेकर भी पहले से तैयारियां शुरू हो गई हैं और बुकिंग आना भी स्टार्ट हो चुकी है.
विश्वनाथ धाम के नए रूप में सामने आने के बाद बढ़े पर्यटन के चलते काशी समेत पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर दिखाई देने लगा है. बीते दो साल से कोरोना की मार झेल रहे व्यापारियों को काशी विश्वनाथ धाम ने अच्छा खासा बल दिया है. कह सकते हैं कि सावन में मेघ भले ही कम बरसे हों, मगर शिवभक्तों की कृपा से काशी में जमकर धनवर्षा हुई है.
बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार धाम के लोकार्पण के बाद सावन में बड़े पैमाने पर शिवभक्तों का आगमन हुआ है. मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील वर्मा की मानें तो 14 जुलाई से शुरू हुए सावन माह से लेकर अबतक (20 दिनों में) 30 लाख से भी ज्यादा शिवभक्त काशी पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि बड़ा परिसर होने के कारण शिवभक्तों की आश्चर्यजनक वृद्धि को संभालने में काफी मदद मिली है. सीईओ के अनुसार पहले सावन में प्रतिदिन बामुश्किल 70 हजार शिवभक्त मंदिर पहुंचते थे. आज ये आंकड़ा 2 लाख व्यक्ति प्रतिदिन के आसपास है.
सावन के महीने में सबसे बड़ा फायदा पर्यटन विभाग को हुआ है. जिला पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि जनवरी से लेकर मई तक पर्यटकों की संख्या पहले 70 से 80 हजार होती थी. लेकिन विश्वनाथ धाम के बनने के बाद यह संख्या दो से ढाई लाख प्रति महीना रही. इस साल जनवरी से मई तक अच्छी भीड़ के बाद केवल जुलाई के महीने में 40 लाख पर्यटकों का काशी में आगमन हुआ. इनमें से बड़ी संख्या सिर्फ विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने वालों की थी. इसके चलते पर्यटन विभाग को बड़ा रेवेन्यू मिला है. दूसरी तरफ पर्यटन से जुड़े तमाम कारोबारी चाहे वह साड़ी, प्रसाद, रेस्टोरेंट, होटल या इससे जुड़े अन्य व्यवसाय को भी काफी फायदा हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि अब आने वाले दिनों में उम्मीद और बढ़ गई है.