वाराणसी:कुपोषण वर्तमान समय में समाज की सबसे बड़ी समस्या है. ज़्यादातर ग्रामीण अंचलों में गर्भवती माताओं की उचित देख-रेख न करने साथ ही जन्म के पश्चात बच्चों को पौष्टिक आहार न मिलने से कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनका भविष्य काफी प्रभावित होता है. ऐसे बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है वाराणसी का पोषण पुनर्वास केंद्र. जहां लॉकडाउन के बाद से अब तक 38 बच्चों को सुपोषित किया गया है.
सीएमएस डॉ. आरके सिंह ने बताया कि वाराणसी जनपद में पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर से हो रहा है. यह पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां पर कुपोषित बच्चों को पहचान कर आरबीएसके की टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एनआरसी में भर्ती कराते हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद पोषण पुनर्वास केंद्र ने 48 कुपोषित बच्चों को भर्ती किया है. इसमें से 38 को नई जिंदगी दी जा चुकी है. एक बच्चे को बीएचयू रेफर किया गया है और 8 बच्चे डिफाल्टर हैं.
शिवपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थित एनआरसी वार्ड में नोडल, मेडिकल ऑफिसर, 3 स्टॉफ नर्स, डाइटिशियन हैं. चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र एक ऐसी सुविधा है, जहां छह माह से 5 वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं होती हैं, को चिकित्सकीय सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जाती हैं. इसके अलावा बच्चों की माताओं को बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक देखभाल तथा खान-पान संबंधित कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है.