जेलों में लगे 2G वाले जैमर. आगरा : यूपी की जेलों में सुरक्षा में चूक खुद सरकार और जेल अफसरों की लापरवाही का नतीजा है. इसी वजह से सूबे की जेलों में रहकर कुख्यात गैंगस्टर और माफिया अपने-अपने गैंग ऑपरेट कर रहे हैं. प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड की पड़ताल में यह सच एक बार फिर सामने आया है. जांच में यह पता चला कि गुजरात की साबरमती जेल से माफिया अतीक अहमद पाने बरेली जेल में बंद भाई अशरफ, प्रयागराज में पत्नी और परिवार से बात करता था. जेल में जैमर लगने के बाद मोबाइल फोन से बात कैसे मुमकिन है.
जब इस सवाल के जवाब को ढूंढा गया तो यह सामने आया कि मोबाइल फोन अपडेट हो रहे हैं मगर जेलों में लगे जैमर दशकों पुराना है. गैंगस्टर और माफिया के पास 5G और 6 G नेटवर्क वाला फोन पहुंच जाता है और यूपी की जेलों में 2G और 3G नेटवर्क के लिए जैमर लगे हैं. अब यूपी की जेलों में तिहाड़ जेल की तरह ही 4G और 5G जैमर लगाने की मांग हो रही है.
बता दें कि, यूपी की जेलों में मोबाइल का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है. आगरा, अलीगढ़, बांदा, बरेली, आजमगढ़ और अन्य जेलों में छापे के दौरान खूब मोबाइल पकडे गए हैं. इन सभी जेलों में मोबाइल का नेटवर्क रोकने के लिए जैमर लगाए गए हैं, जो वक्त के साथ आउटडेटेट हो गए हैं. दूसरी ओर, जेलों के कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण माफिया और गैंगस्टर तक 5G वाले मोबाइल फोन पहुंच जाते हैं. जेलकर्मी के फोन की मदद से माफिया गैंग की कमांड संभाले हुए हैं.
बरेली जेल में बंद भाई अशरफ फोन से ही नेटवर्क को ऑपरेट करता था. इस जेल के सुपरिंटेंडेंट हाल में सस्पेंड किए गए हैं.
बरेली से व्हाटसएप काॅल करता था अशरफ :बरेली जेल में बंद माफिया अतीक का भाई अशरफ जेल से गैंग ऑपरेट कर रहा था. एक मैसेज पर ही अशरफ की गुर्गों से मुलाकात कराई जाती थी. जेल से ही अशरफ अपने गुर्गों को व्हाटसएप कॉल भी करता था. प्रयागराज हत्याकांड से पहले अशरफ ने बरेली जेल से ही व्हाटसएप काॅल किया था. इसके एवज में जेल कर्मचारियों को इनाम मिलता था. यह पूरा खेल जेल वार्डन, डिप्टी जेलर, जेलर और जेल प्रहारी करते थे. यह खुलासा होने पर उन्हें निलंबित किया गया.
माफिया मुख्तार अंसारी को भी जेल में कोई दिक्कत नहीं हुई.
फोन से गैंग चल रहा था अब्बास अंसारी : चित्रकूट जेल में माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अपने गैंग का नेटवर्क चला रहा था. चित्रकूट की रगौली जेल में अब्बास अंसारी 85 दिनों तक जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से अब्बास अंसारी अपनी पत्नी निखत अंसारी से बेरोकटोक चार से पांच घंटे की मुलाकात करता था. अब्बास अंसारी जेल से ही माफिया मुख्तार अंसारी के रियल एस्टेट के कारोबार, ठेकेदारी और कंस्ट्रक्शन कंपनी को संभालता था. साथ ही अपने गैंग के गुर्गों को कमांड देता था.
माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी तो अपनी पत्नी को भी जेल में मुलाकात के लिए बुलाया करता था.
गैंगस्टर लाॅरेंस की 5G कनेक्टिविटी :अभिनेता सलमान को धमकी देने वाला गैंगस्टर लाॅरेंस विश्नोई और उसके गुर्गों की आपसी कनेक्टिविटी 5G नेटवर्क से रहती थी. यह खुलासा आगरा और जयपुर पुलिस की छापेमारी में बाहर से पकडे गए शूटर्स ने किया था. गैंगस्टर सिग्नल एप से ही गैंग अपने खास गुर्गों को कमांड देता था.
आगरा की जेल में भी ऐसा जैमर नहीं है जो 5जी नेटवर्क को जाम कर दे.
जेलें की जा रहीं है चिन्हित :जेल डीआईजी (आगरा रेंज) आरके मिश्र ने बताया कि, अभी यूपी की जेलों में 2G और 3G के जैमर लगे हैं. शासन को इसकी जानकारी है. सरकार भी इसे अपडेट करने को लेकर काम कर रही है. जहां पर कुख्यात माफिया बंद हैं या जिन जेलों में मोबाइल पकड़े जा रहे हैं, उन जेलों को चिहिन्त किया गया है. मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, उन जेलों में लगे जैमर को अपडेट किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट खर्चीला है इसलिए, हर जेल को कवर करने में समय लगेगा. डीआईजी आरके मिश्र का कहना है कि, यदि किसी तरह से जेल में मोबाइल फोन चला गया तो कोई भी बात कर सकता है. इसलिए, इस समय हमारा पूरा फोकस जेल के अंदर मोबाइल रोकने का है. अभी जेलों में चेकिंग पर जोर है. चेकिंग में मोबाइल, असलाह और नशीली वस्तु को लेकर तलाशी की जाती है. यूपी की जेलों में सीसीटीवी लगाए गए हैं. जिससे भी जेल में हर बंदी पर निगरानी रखी जाती है.
योगी ने दी जेलों का आधुनीकीकरण को मंजूरी : कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि, सरकार जेलों के आधुनीकरण के लिए काम कर रही है. जैसी जो आवश्यकता हो, उसके मुताबिक ही तकनीकि का इस्तेमाल करना चाहिए. जेलों में अभी 2G और 3G जेमर हैं. अब जेलों में 4G और 5G जैमर लगाए जाएंगे. इसकी पूरी प्लानिंग की जा रही है. इस बारे में सीएम योगी से भी चर्चा हो चुकी है. विभाग के अधिकारी इस बारे में काम कर रहे हैं. यूपी की जेलों में कुख्यात बंदियों की कमर तोड़ने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा.
यूपी की जेलों में लगे 3600 कैमरे : यूपी की 74 जेलों में हाल में 1.17 लाख बंदी हैं. जिनकी निगरानी के लिए यूपी की जेलों में 3600 वीडियो कैमरे लगाए गए हैं. जेलों में इन कैमरों से मिलने वाली फुटेज की मॉनिटरिंग होती है. हर बंदी और कैदी की निगरानी के साथ ही हर मुलाकाती पर नजर रखी जाती है. कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि अभी यूपी की जेलों में 1200 वीडियो कैमरे और लगाए जाएंगे.
पढ़ें : जेल विभाग में योगी सरकार ने किया नया प्रयोग, एसपी रैंक के पांच अधिकारी तैनात