वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत बरेमा के भटौली गांव में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 25 चयनित किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. वेबिनार के माध्यम से वैज्ञानिकों ने जल संरक्षण और आय में वृद्धि करने के उपायों पर किसानों को प्रशिक्षित किया गया.
कार्यक्रम में सर्वप्रथम किसानों को वर्तमान में प्रचलित सिंचाई पद्धति के साथ-साथ आधुनिक प्रशिक्षण की उपयोगिता पर विस्तार से बताया गया. प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर दिनेश कुमार वैज्ञानिक ने किसानों को जल संरक्षण का महत्व बताते हुए अवगत कराया गया कि एक किलो प्याज तैयार करने में 350 लीटर पानी और एक किलो धान तैयार करने में ढाई हजार लीटर पानी खर्च होता है. डूब सिंचाई करने से 10 लीटर पानी में मात्र आधा लीटर पानी का ही सदुपयोग होता है, शेष पानी वाष्पीकरण अथवा भूमि में नष्ट हो जाता है. ड्रिप सिंचाई पद्धति को बताते हुए जल के प्रयोग में 50 प्रतिशत तक कमी लाने के बारे में बताया गया.
जैविक खेती
डॉ. मनोज सोनी वैज्ञानिक अधिकारी पीएफडीसी रहमान खेड़ा ने बताया कि किसान जैविक खेती की तरफ बढ़ते हुए जैविक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. जैन इरिगेशन सिस्टम जलगांव के एरिया मैनेजर विनोद शुक्ला ने सेवापुरी विकासखंड में चलाए जा रहे विशेष अभियान में स्प्रिंकलर स्थापित करने वाली कंपनियों के अनुरक्षण दायित्वों पर किसानों को बताया.