वाराणसी:यूं तो हर जगह चाय की अलग-अलग दुकानें होती हैं, लेकिन बात जब काशी में चाय की हो, तो यहां की चाय और चायमिजाजी की बात ही कुछ अलग और निराली है. बनारस में कई दुकान दशकों पुरानी हैं, जिनकी अपनी अलग कहानी है. इन्हीं अलग कहानियों में बनारस में एक ऐसी ही चाय की अड़ी है, जहां पर आप चाय की चुस्की के जरिए पूरा विश्व घूम आएंगे. जी हां इस अड़ी पर बनारस की चाय के साथ-साथ आपको पूरे विश्व की महकती अलग-अलग खुशबू वाली चाय मिल जाएंगी. यहां पर एक नहीं बल्कि लगभग 200 तरीके की अलग-अलग वैरायटी की चाय मिलेगी. यही वजह है कि इस अड़ी को चाय बार के नाम से जाना जाता है. यहां पर जो चाय पीने के लिए आता है, वही सोच में पड़ जाता है कि आखिर वह कौन सी चाय पिए और चाय का स्वाद लेने के बाद उसे किस तरीके से बयां करें.
मिलती हैं लगभग 200 किस्म की चाय बता दें कि ये अनोखा चाय संग्रहालय (chai bar) वाराणसी के रविदास गेट के पास अस्सी घाट (assi ghat) के पास है, जिसे 'चाय बार' (chai bar) के नाम से जाना जाता है. जहां पर चाय की कई सारी वैरायटी उपलब्ध हैं. चाय शॉप संचालक कौस्तुभ पांडेय ने बताया कि उनके यहां लगभग 200 तरीके की चाय मिलती है. इसमें नॉर्मल टी, ग्रीन टी, पान टी, पाइनएप्पल टी, स्ट्रॉबेरी टी, तंदूर टी, हनी टी, तुलसी टी, जिंजर तुलसी टी, ब्लूमिंग टी, ब्लू टी, रेड टी जैसे अनेक वैराइटी हैं. उन्होंने बताया कि उनकी यह हर चाय की अलग खासियत है. कोई जायके के लिए अच्छी है, तो कोई बीमारी के इलाज के लिए भी फायदेमंद है. उन्होंने बताया कि यहां जड़ी-बूटियों वाले भी चाय हैं, जो गले के इंफेक्शन, सर्दी जुकाम जैसी अन्य बीमारियों को दूर करने के साथ कोरोना के दौर में लोगों के लिए काफी फायदेमंद है.
15 रुपये से लेकर 600 रुपये तक है कीमत
कौस्तुभ पांडेय ने बताया कि उनके यहां 700 रुपये किलो से लेकर के 1 लाख रुपये किलो तक की चाय है. यह सभी चाय अलग-अलग फ्लेवर और वैरायटी की है. हमारे यहां 15 से लेकर 600 तक में चाय ग्राहकों को दी जाती है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सबसे महंगी चाय ब्लूमिंग चाय है और इन दिनों यहां के युवाओं को यह चाय काफी पसंद आ रही है.
चाय पीकर आया आईडिया
चाय बार (chai bar) दुकान संचालक कौस्तुभ बताते हैं कि कोरोना में हमारी जॉब चली गई, तो उनके पास कोई आय का जरिया नहीं था. ऐसे में हमने स्टार्टअप के तहत मार्च में दुकान की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि जब वह दिल्ली गए थे, तो उन्हें कुल्हड़ में 150 रुपये की चाय पीने को मिली थी. वहीं से उन्हें आईडिया आया कि क्यों न हम चाय की दुकान की शुरुआत करें और अलग-अलग वेरायटी की चाय रखें और कम कीमत पर लोगों तक पहुंचाई जाय, जिससे लोग आसानी से पी सकें और इसका लुत्फ उठा सकें. उन्होंने बताया कि इस दुकान को शुरू करने का हमारा मुख्य उद्देश्य यही था कि हम काशी की पुरानी सभ्यता को एक नए आयाम के साथ प्रस्तुत करें.
युवाओं में भी है गजब का क्रेज
चाय बार (chai bar) आने वाले युवा बताते हैं कि उन्हें यहां की चाय बहुत अच्छी लगती है. उनका कहना है कि बनारस अपने आप में घाट और चाय के लिए जाना जाता है. ऐसे में घाट के करीब ही यहां पर लगभग 200 किस्म की चाय मिलती है. ऐसा लगता है कि आपके जहन में जो स्वाद है, बस वही चाय के रूप में मिल जाती है. यहां हमें काफी अच्छा लगता है. सबसे अच्छी बात यह है कि चाय में कोई कैमिकल नहीं होता. यह पूरी तरीके से ऑर्गेनिक है. इसलिए यह हमारे शरीर को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता. उन्होंने बताया कि और शहर में इस तरीके की नई चाय की दुकान खोलना काशी की खूबसूरती और यहां की सभ्यता को और आगे बढ़ा रहा है.
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